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दूसरे देशों से प्रत्यर्पित भगोड़ों के मृत्युदंड पर रोक लगाएगा पाकिस्तान: शाह महमूद कुरैशी

पाकिस्तान दूसरे देशों से प्रत्यर्पित किये जाने वाले भगोड़ों को मृत्युदंड दिये जाने पर रोक लगाने के लिये कदम उठा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

Shah Mehmood Qureshi- India TV Hindi Shah Mehmood Qureshi

इस्लामाबाद: पाकिस्तान दूसरे देशों से प्रत्यर्पित किये जाने वाले भगोड़ों को मृत्युदंड दिये जाने पर रोक लगाने के लिये कदम उठा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। ब्रिटेन ने एक दिन पहले पाकिस्तान के साथ "राजनीतिक रूप से प्रेरित" किसी भी प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, जिसके मद्देनजर इस्लामाबाद ने यह बात कही है।

ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने बुधवार को लंदन में अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान घोषणा की थी कि ब्रिटेन किसी भी देश के साथ "राजनीतिक रूप से प्रेरित" प्रत्यर्पण संधियों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। कुरैशी ने हंट को आश्वस्त किया था कि अगर ऐसी संधियां हुईं तो पाकिस्तान इसका "दुरुपयोग" नहीं करेगा। 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने बृहस्पतिवार को कुरैशी के हवाले से कहा, "हम दूसरे देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों के तहत देश में लाए जाने वाले आरोपियों के मृत्युदंड पर रोक लगाने के लिये पाकिस्तान दंड संहिता में संशोधन कर रहे हैं।"

पाकिस्तान, ब्रिटेन से हत्या और धनशोधन समेत कई मामलों में आरोपी अपने नागरिकों को प्रत्यर्पित करने की मांग कर रहा है। इनमें मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक और पूर्व वित्त मंत्री इस्हाक डार भी शामिल हैं। पाकिस्तान ने 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल पर आतंकवादी हमले के बाद मृत्युदंड से प्रतिबंध हटा लिया था। उस हमले में 140 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल थे। तब से लेकर अब तक 300 दोषियों को मृत्युदंड दिया जा चुका है। फिलहाल पाकिस्तान की जेलों में मृत्युदंड की सजा पाए करीब 8 हजार दोषी बंद हैं।

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