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अब तालिबान के लिए फंड जुटाने निकले पाक विदेश मंत्री कुरैशी

दरअसल दरअसल अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी के भागने और काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब साढ़े नौ अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी है।

Qureshi urges world to unfreeze Afghanistan’s assets- India TV Hindi Image Source : AP मुद्दा जब आतंकवाद के समर्थन का हो, बात जब आतंकियों को फंडिंग की हो तो उस वक्त पाकिस्तान मानों अंधा हो जाता है।

इस्लामाबाद: मुद्दा जब आतंकवाद के समर्थन का हो, बात जब आतंकियों को फंडिंग की हो तो उस वक्त पाकिस्तान मानों अंधा हो जाता है। वो न दुनिया की परवाह करता है और न ही अपने इज्जत की चिंता। वो खोल देता है अपने खजाने ताकि आतंकवाद फल फूल सके। उसे इस बात की जरा भी परवाह नहीं कि खुद उसके लोग भूखे मर रहे हैं, दो वक्त की रोटी को मोहताज है लेकिन नहीं लोग मरे  तो मरें बस आतंकियों का पेट भरे।

अपने इसी ध्येय वाक्य को आगे लेकर चलते पाकिस्तान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है। समर्थन तक तो ठीक था लेकिन अब वो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर तालिबान के लिए पैसे जुटाने की कोशिश कर रहा है। उसकी मांग है कि अफगानिस्तान के फ्रीज किए गए बैंक खातों को फिर से चालू किया जाए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान का फ्रीज किया हुआ पैसा रिलीज करने की मांग की है।

दरअसल दरअसल अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी के भागने और काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब साढ़े नौ अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी है। वहीं दूसरी तरफ पिछले महीने जो बाइडन की सरकार ने अमेरिका में अफगान सरकार के भंडार को सील कर दिया जिससे अरबों डॉलर तक तालिबान की पहुंच बाधित हो गई।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने देश में मौद्रिक भंडार में 440 मिलियन डॉलर के फंड ट्रांसफर को भी रोक दिया था। जिसके बाद से ही तालिबान पर धन का संकट आन पड़ा। तालिबान को कोई रास्ता भी नहीं सूझ रहा ऐसे में पाकिस्तान आया है जो खुद दुनियाभर के तमाम देशों का कर्जदार है लेकिन उसका आतंक प्रेम उसे तालिबान के लिए भीख मांगने पर मजबूर कर रहा है।

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