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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने फिर की तालिबान की वकालत, दिया बड़ा बयान

पाकिस्तान पड़ोसी देश अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी कर रहा है।

Afghanistan, Afghanistan Taliban, Taliban Shah Mahmood Qureshi, Shah Mahmood Qureshi- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK.COM/SMQURESHI.OFFICIAL पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि तालिबान विश्व के साथ संवाद करने में दिलचस्पी रखता है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि तालिबान विश्व के साथ संवाद करने में दिलचस्पी रखता है, ताकि अफगानिस्तान में उसकी सरकार को मान्यता मिले। तालिबान की वकालत करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी भी दी कि वे पिछली गलतियों को न दोहराएं, जब अफगानिस्तान को अलग-थलग किए जाने से कई समस्याएं खड़ी हो गई थीं। अफगानिस्तान पर ‘ट्रोइका प्लस’ बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण आसन्न मानवीय आपदा से बचने के लिए अफगानिस्तान की तुरंत मदद करने का आग्रह किया।

‘अफगानिस्तान बर्बाद होने के कगार पर है’
‘ट्रोइका प्लस’ बैठक में पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पाकिस्तान पड़ोसी देश अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी कर रहा है। कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाते हुए कहा, ‘अफगानिस्तान बर्बाद होने के कगार पर है, वह वेतन भी नहीं दे सकता है।’ उन्होंने कहा कि आम आदमी अकाल जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, जिससे सरकार बुरी तरह प्रभावित हो रही है। कुरैशी ने कहा, ‘इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आपातकालीन आधार पर सहायता प्रदान करनी चाहिए।’

‘यह आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने में मदद करेगा’
कुरैशी ने कहा कि तालिबान दुनिया के साथ संवाद में रुचि रखता है ताकि उसकी सरकार को मान्यता मिले। कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की संपत्तियों को मुक्त करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘यह आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने में मदद करेगा’ और अफगानिस्तान सरकार की मदद करेगा। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद अमेरिका ने अफगान केंद्रीय बैंक की 9 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया।


‘अफगानिस्तान 15 अगस्त से तालिबान शासन के अधीन है’
कुरैशी ने उम्मीद व्यक्त की कि ‘ट्रोइका प्लस’ बैठक अफगान अंतरिम सरकार के लिए मददगार होगी और देश की धरती से आतंकवादियों को खत्म करने में भूमिका निभाएगी। गौरतलब है कि अफगानिस्तान 15 अगस्त से तालिबान शासन के अधीन है। उस समय तालिबान ने राष्ट्रपति अशरफ गनी की निर्वाचित सरकार को हटा दिया और उन्हें देश से भागने और संयुक्त अरब अमीरात में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया।

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