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भारतीय अधिकारियों को झूठे आरोप में फंसाना चाहता था पाकिस्तान! इसके लिए जबरदस्ती भी की

सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान दोनों कर्मियों को हादसे में शामिल होने की बात कबूलने के लिए पीटा गया।

Indian High Commission in Pakistan- India TV Hindi Image Source : FILE Indian High Commission in Pakistan. (Photo credit: official twitter)

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के जिन दो कर्मियों को इस्लामाबाद में अधिकारियों ने लंबी गिरफ्तारी के बाद रिहा किया था, उन्हें पीट-पीटकर यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया कि "वह एक दुर्घटना में शामिल थे"। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान दोनों कर्मियों को हादसे में शामिल होने की बात कबूलने के लिए पीटा गया।

सूत्रों के अनुसार, भारतीय उच्चायोग में ड्राइवर के रूप में काम कर रहे दो भारतीय कर्मचारियों को लगभग 15 से 16 हथियारबंद लोगों ने सोमवार सुबह करीब 8:30-45 बजे के भीतर उच्चायोग के पास से ही एक पेट्रोल स्टेशन गिरफ्तार कर लिया था। फिर उनकी आंखों पर पट्टी बांधी और हथकड़ी लगाई। सूत्रों ने बताया कि 15 से 16 हथियारबंद लोगों 5-6 गाड़ियों में आए थे। वह उन्हें अज्ञात जगह ले गए।

सूत्रों ने कहा, "अपहरणकर्ताओं ने कई वीडियो बनाए, जिनमें उच्चायोग के कर्मियों को यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया था कि उन्होंने एक दुर्घटना को अंजाम दिया है। हथियारबंद लोगों ने भारतीय कर्मचारियों को यह भी स्वीकार करने के लिए मजबूर किया कि उच्चायोग में कथित खुफिया अधिकारी उन्हें बाहर के लोगों को अपनी कारों में उच्चायोग के अंदर बैठकों के लिए लाने को मजबूर करते हैं।"

सूत्रों ने कहा, "लगभग 1400 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई, जिस अवधि के दौरान उन्हें बार-बार रॉड/लकड़ी के डंडों, घूंसों से पीटा गया और गंदा पानी आदि पिया गया। सभी ने उच्चायोग के कर्मियों से उनकी भूमिका और कार्य के बारे में उनसे पूछताछ की गई।" पूछताछ के दौरान, उन्हें बार-बार धमकी दी गई कि इस तरह से उच्चायोग के अन्य सदस्यों के साथ भविष्य में भी व्यवहार किया जाएगा।

(इनपुट- ANI)

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