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ईरान ने कहा, 2015 के परमाणु करार पर वापस लौटे अमेरिका तभी होगी बात

अराकची ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत GCPOA के ढांचे के भीतर ही होगी, वह भी तब जब अमेरिका, ईरान के खिलाफ अपने सभी प्रतिबंधों को हटा देगा।

US should honour nuclear deal if it wants talks, says Iran foreign minister | AP File- India TV Hindi US should honour nuclear deal if it wants talks, says Iran foreign minister | AP File

तेहरान: ईरान के उप-विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने तेहरान और वॉशिंगटन के बीच तब तक किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार कर दिया जब तक कि अमेरिका, ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु करार पर वापस नहीं लौटता। प्रेस टीवी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस समझौते को ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन (GCPOA) के नाम से भी जाना जाता है। अराकची ने बुधवार को कहा, ‘कोई भी देश अधिकतम दबाव के बीच वार्ता को कभी स्वीकर नहीं करेगा, क्योंकि ऐसा करना आत्मसमर्पण करने जैसा होगा।’

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अराकची ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत GCPOA के ढांचे के भीतर ही होगी, वह भी तब जब अमेरिका, ईरान के खिलाफ अपने सभी प्रतिबंधों को हटा देगा। ताकतवर देशों के साथ परमाणु बातचीत में ईरान का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री ने यूरोप के देशों को चेताते हुए कहा कि यदि वे परमाणु समझौते के अंतर्गत ईरान के हितों को सुरक्षित करने वाले अपने वादों को नहीं निभाएंगे, तो ईरान अपने GCPOA दायित्वों को और कम करने के लिए कदम उठाएगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल वॉशिंगटन को समझौते से बाहर कर दिया था और तेहरान पर एक बार फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके जवाब में ईरान ने अपने GCPOA दायित्वों को कम करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया और इसी कड़ी में कहा कि यदि यूरोपिय देश परमाणु समझौते के अंतर्गत ईरान के हितों को सुरक्षित करने वाले अपने वादों को नहीं निभाएंगे, तो ईरान इसी तरह समझौते से हटकर कदम उठाएगा।

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