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China US: नेशनल कांग्रेस की बैठक में शी जिनपिंग ने अमेरिका को लिया आडे़ हाथ, बोले- संरक्षणवाद और अलगाववाद का विरोध करता है चीन

China US: शी जिनपिंग ने कहा कि चीन अन्य देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि विकास के लिए अनुकूल अंतरराष्ट्रीय वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।

chinese president xi jinping- India TV Hindi Image Source : AP chinese president xi jinping

Highlights

  • चीन में हो रही नेशनल कांग्रेस की बैठक
  • शी जिनपिंग ने की अमेरिका की आलोचना
  • संरक्षणवाद और अलगाववाद का जताया विरोध

China US: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि उनका देश संरक्षणवाद और अलगाववाद का विरोध करता है। उन्होंने यहां सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक महत्वपूर्ण अधिवेशन में कहा कि चीन आर्थिक वैश्वीकरण के सही रास्ते पर चलता है। सप्ताह भर चलने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के 20वें अधिवेशन में शी को रिकॉर्ड तीसरी बार पांच साल के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित किया जा सकता है। शी ने कहा कि चीन व्यापार व निवेश, उदारीकरण व सेवाओं को प्रोत्साहित करने, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापक आर्थिक समन्वय नीति को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

उन्होंने कहा कि चीन संरक्षणवाद, बाड़बंदी और अवरोधकों के निर्माण, अलगाववाद, औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, एकतरफा प्रतिबंध और अधिकतम दबाव बनाने की रणनीति का विरोध करता है। शी ने कहा कि चीन अन्य देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि विकास के लिए अनुकूल अंतरराष्ट्रीय वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके और वैश्विक विकास के लिए नए संचालक तैयार किए जा सकें। अमेरिका ने दूरसंचार उपकरण कंपनी हुआवेई सहित कई चीनी उच्च प्रौद्योगिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन का आरोप है कि इसका उद्देश्य इसके विकास को रोकना है।

शी ने कहा कि चीन वैश्वीकरण के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है क्योंकि यह दुनिया में माल का सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है, जिसने इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश आधुनिक अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।

सेना के लड़ने के लिए की जा रहीं तैयारी

शी ने कहा, ‘हम संयुक्त परिचालनों के लिए कमान प्रणाली को उन्नत करेंगे और निगरानी और त्वरित चेतावनी, संयुक्त हमलों, युद्ध क्षेत्रों में सहयोग एवं एकीकृत साजो-सामान समर्थन के लिए अपनी प्रणाली और क्षमता का विस्तार करेंगे।’ संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य अभियानों के बीच शी के बयान महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ भी क्षेत्रीय विवाद चल रहा है।

शी ने कहा, ‘हम नियमित आधार पर और विविध प्रकार से अपने सैन्य बलों को तैनात करने में सक्षम बनेंगे और हमारी सेना अपने अभियानों में दृढ़ और लचीला दोनों तरह का रुख रखेगी। यह हमें हमारे सुरक्षा अवस्थाओं को आकार देने, संकटों और संघर्षों का प्रतिरोध और प्रबंधन करने और स्थानीय युद्धों को जीतने में समर्थ बनाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम सेना और सरकार के बीच और सेना और जनता के बीच एकता को मजबूत करेंगे।’

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