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Hindi News विदेश एशिया UN-US के प्रतिबंध, फिर भी एक के बाद एक घातक मिसाइल लॉन्च कर रहा उत्तर कोरिया, ये हैं वो 5 तरीके जिनसे मालामाल हो रहे किम जोंग

UN-US के प्रतिबंध, फिर भी एक के बाद एक घातक मिसाइल लॉन्च कर रहा उत्तर कोरिया, ये हैं वो 5 तरीके जिनसे मालामाल हो रहे किम जोंग

How Does North Korea Make Money: दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि मिसाइल रविवार तड़के दागी गई है, हालांकि उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी, यहां तक कि मिसाइल की मारक क्षमता के बारे में भी कुछ नहीं कहा।

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Highlights

  • उत्तर कोरिया तेजी से कर रहा हथियार लॉन्च
  • अमेरिका और यूएन ने लगाए हुए हैं प्रतिबंध
  • प्रतिबंधों के बावजूद अच्छी खासी हो रही कमाई

North Korea Money: उत्तर कोरिया और किम जोंग उन... ये वो दो नाम हैं, जिनसे पूरी दुनिया वाकिफ है। किम जोंग को उत्तर कोरिया का तानाशाह तक कहा जाता है। ये देश हमेशा ही खबरों में रहता है और वजह केवल एक होती है। वो है, मिसाइलों और हथियारों को लॉन्च करना। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर उत्तर कोरिया के पास इन सबके लिए पैसा कहां से आता है? इस देश पर इसके परमाणु कार्यक्रम के चलते अमेरिका से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं। उत्तर कोरिया व्यापार के मामले में भी कुछ बहुत ज्यादा अच्छा नहीं है। ये एक छोटा सा देश है, जो पूरी दुनिया से कटा हुआ है। 

दक्षिण कोरिया के केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि उसके पड़ोसी की 2015 में सकल राष्ट्रीय आय 34.5 ट्रिलियन दक्षिण कोरियाई वॉन ($30 बिलियन) थी, जो दक्षिण कोरिया की आय का 2.2 प्रतिशत है। लेकिन उत्तर कोरिया अपने सकल घरेलू उत्पाद का अनुमानित 25 प्रतिशत हथियारों पर खर्च करता है। इस देश के पास जरूरी संसाधनों की भी कमी है। अभी की ताजा रिपोर्ट पर बात करें, तो दक्षिण कोरिया की सेना का कहना है कि उत्तर कोरिया ने रविवार को पूर्व समुद्री क्षेत्र में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। उत्तर कोरिया के हथियारों के जखीरे में यह सबसे नया हथियार है।

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि मिसाइल रविवार तड़के दागी गई है, हालांकि उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी, यहां तक कि मिसाइल की मारक क्षमता के बारे में भी कुछ नहीं कहा। 
जापान की सरकार ने भी कहा कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल दागी है, जो संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल है। ये दो हफ्ते के भीतर उत्तर कोरिया का कम से कम सातवां हथियार लॉन्च है। तो चलिए अब जान लेते हैं कि आखिर इन सबके लिए किम जोंग उन के पास पैसा कहां से आ रहा है। 

1. चीन

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के अनुसार, उत्तर कोरिया का तीन चौथाई व्यापार उसके पड़ोसी चीन के साथ होता है। अन्य अनुमानों में ये आंकड़ा और भी ज्यादा है। चीन का उत्तर कोरिया पर अच्छा खासा प्रभाव है। उसका ऐसा दबदबा है कि वह एक चुटकी बजाते ही यहां हाहाकार मचा सकता है। चीन के पास क्षमता है कि वह यहां खाने और ऊर्जा की आपूर्ति रोक दे। लेकिन अगर उत्तर कोरिया में ऐसा हुआ, तो बड़ी संख्या में लोग चीन के कमजोर उत्तरपूर्वी प्रांत की तरफ शरण लेने के लिए भागेंगे, इसलिए चीन इन सबसे बचने की कोशिश में रहता है।

2. विदेश में बंधुआ मजदूर

चीन और रूस में काम करने वाले उत्तर कोरिया के बंधुआ मजदूर देश में पैसा भेजते हैं। अन्य निर्यात जैसे कोयला और खनिज भी चीनी युआन, यू.एस. डॉलर और यूरो के रूप में मजबूत मुद्रा लाते हैं। यहीं से परमाणु मिसाइल कंपनियों को ईंधन मिलता है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि किम जोंग उन देश के अन्य नेताओं का समर्थन हासिल करने के लिए भी इस पैसे का इस्तेमाल करते हैं। 

3. हथियारों की बिक्री

उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था प्रमुख रूप से हथियारों की बिक्री पर चलती है। वह इनके निर्यात को लेकर अफ्रीकी देशों के साथ डील करता है। विश्लेषकों का अनुमान है कि ये संभव है कि परमाणु हथियारों के विकास के लिए उत्तर कोरिया और ईरान के बीच सहयोग है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विशेषज्ञों के पैनल की फरवरी में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया "एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में हथियारों और संबंधित सामग्री, बाजारों और खरीद सेवाओं में व्यापार करना जारी रखे हुए है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया अफ्रीका में अपनी निर्माण कंपनियों का उपयोग हथियारों से संबंधित, सैन्य और सुरक्षा सुविधाओं के निर्माण के लिए करता है। अध्ययन में कहा गया है कि पिछले साल मिस्र ने उत्तर कोरिया से 30,000 पीजी-7 रॉकेट-चालित हथगोले और अन्य हथियार के पार्ट्स ले जाने वाले एक जहाज को रोका था।

4. ड्रग्स

उत्तर कोरिया में एक बड़ी ड्रग्स इंडस्ट्री है। ये भी इसकी कमाई का एक बड़ा जरिया है।

5. साइबर क्राइम

उत्तर कोरिया साइबर क्राइम के जरिए भारी मात्रा में पैसा कमाता है। उसके हैकर क्रिप्टोकरंसी की चोरी करते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के हैकर्स ने साल 2021 में 400 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरंसी चोरी की थी। कई चीनी वित्तीय कंपनियां भी उत्तर कोरिया को फंड पहुंचाने के मामले में चैनल की तरह काम करती हैं। अमेरिकी सांसदों ने उत्तर कोरिया की चीनी बैंकों तक पहुंच पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। चीन के सहयोग की वजह से उत्तर कोरिया पर लगे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के प्रतिबंध भी बेअसर साबित हो रहे हैं। 

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