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Hindi News विदेश एशिया चीन से साठगांठ, भारत का नाम लिए बिना मालदीव के राष्ट्रपति का बड़ा बयान-हम छोटे जरूर हैं मगर...

चीन से साठगांठ, भारत का नाम लिए बिना मालदीव के राष्ट्रपति का बड़ा बयान-हम छोटे जरूर हैं मगर...

भारत और मालदीव के बीच चल रहे विवादों के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत का नाम लिए बगेर कहा है कि हम छोटे जरूर हैं लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस मिल गया है।

Maldives president Mohamed Muizzu- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू

भारत के साथ चल रहे राजनयिक तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत का नाम लिए बिना परोक्ष रूप से कटाक्ष किया। अपनी पांच दिवसीय चीन यात्रा के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, "हम छोटे हो सकते हैं लेकिन इससे उन्हें हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है।" बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति का यह बयान भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद के बीच आया है, जब मालदीव नेताओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद 7 जनवरी को तीन मंत्रियों को उनके पदों से निलंबित कर दिया गया था।

ऐसा तब हुआ जब चीन ने कहा कि वह मालदीव के आंतरिक मामलों में "बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है" और द्वीप राष्ट्र की संप्रभुता और स्वतंत्रता का समर्थन करता है।

मालदीव के राष्ट्रपति का बड़ा बयान

चीन और मालदीव के एक संयुक्त बयान में कहा गया है, "दोनों पक्ष अपने संबंधित मूल हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखने पर सहमत हैं।" मालदीव एक ऐसे विकास पथ की खोज कर रहा है जो उसकी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल हो और मालदीव के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता हो।'' चीन में, मालदीव के राष्ट्रपति ने बीजिंग से द्वीप राष्ट्र में अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को "तेज" करने की अपील की। उन्होंने कहा, ''कोविड से पहले चीन हमारा (मालदीव का) नंबर एक बाजार था और मेरा अनुरोध है कि हम चीन को यह स्थिति फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करें।''

चीन और मालदीव की बढ़ती करीबी

चीन और मालदीव ने 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें द्वीप राष्ट्र में चीनी पर्यटकों को बढ़ाने के लिए पर्यटन में सहयोग शामिल है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने चीन-मालदीव व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी (2024-2028) के निर्माण के लिए कार्य योजना पर भी हस्ताक्षर किए और बेल्ट एंड रोड जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इसमें कहा गया, "52 साल पहले राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से, दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का सम्मान और समर्थन किया है।"

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