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Iraq Violence : इराक में शांति बहाली की उम्मीद, मौलवी ने अपने समर्थकों से पीछे हटने का आह्वान किया

Iraq Violence : दो दिन तक चली हिंसक झड़प के बाद मंगलवार को मौलवी मुक्तदा अल सद्र ने अपने समर्थकों से सरकारी इमारत को खाली करने का आह्वान किया

Iraqi protesters use chains to try to remove concrete barriers on their way to the Parliament buildi- India TV Hindi Image Source : AP Iraqi protesters use chains to try to remove concrete barriers on their way to the Parliament building

Highlights

  • पीछे हट रहे हैं मौलवी मुक्तदा अल सद्र के समर्थक
  • सेना ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की समाप्ति की घोषणा की

Iraq Violence : इराक में शांति बहाली की उम्मीद जगने लगी है। सुरक्षाबालों के साथ भिड़ने वाले शक्तिशाली इराकी मौलवी के सशस्त्र समर्थकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। देश की स्थिरता और राजनीति को संकट में डालने वाली दो दिन तक चली हिंसक झड़प के बाद मंगलवार को मौलवी मुक्तदा अल सद्र (48) ने अपने समर्थकों से सरकारी इमारत को खाली करने का आह्वान किया जहां वे इकट्ठा हुए थे। 

ग्रीन जोन से हट रहे हैं मौलवी समर्थक

कुछ ही मिनटों में इस आह्वान का असर होता दिखाई दिया और कुछ समर्थकों को तंबू हटाते तथा उस इलाके से वापस जाते देखा गया जिसे ‘ग्रीन जोन’ कहा जाता है। मौलवी के समर्थकों ने अपना सामान बांधा और ट्रक पर रवाना होते दिखे। वे इराक की संसद की इमारत के पास ढेर सारा कचरा छोड़ गए हैं। अल-सद्र के समर्थक चार दिन से यहां जुटे थे। 

राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू समाप्ति की घोषणा 

इराक की सेना ने भी राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की समाप्ति की घोषणा कर दी है जिससे तात्कालिक समस्या के टलने की उम्मीद जगी है हालांकि, बड़ा राजनीतिक संकट अब भी बरकरार है। तनाव घटाने के अल-सद्र के निर्णय से इस पर सवालिया निशान लगा है कि संसद भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने के मुद्दों का समाधान प्रतिद्वंद्वी गुट किस प्रकार करेंगे। 

अल-सद्र की पार्टी ने जीती थीं सबसे ज्यादा सीटें 

इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-खादिमि ने मंगलवार को दिए एक भाषण में कहा कि अगर राजनीतिक संकट बरकरार रहता है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। अल-सद्र के प्रतिद्वंद्वियों का समर्थन करने वाले प्रदर्शनकारियों ने भी सरकारी क्षेत्र के आसपास प्रदर्शन खत्म कर दिया है। गत वर्ष अक्टूबर में हुए चुनाव में अल-सद्र की पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं लेकिन बहुमत की सरकार बनाने से पीछे रह गई थी। इसके बाद से अल-सद्र के शिया समर्थकों और उनके ईरान समर्थित शिया विरोधियों के बीच झड़प होती रहती थी जिसने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया।

इनपुट- एजेंसी

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