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Hindi News विदेश एशिया जो बाइडन के न्योते को पाकिस्तान ने ठुकराया, क्या चीन के दबाव के कारण लोकतंत्र पर सम्मेलन में नहीं लेगा हिस्सा?

जो बाइडन के न्योते को पाकिस्तान ने ठुकराया, क्या चीन के दबाव के कारण लोकतंत्र पर सम्मेलन में नहीं लेगा हिस्सा?

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर आठ दिसंबर को पोस्ट किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘हम 9-10 दिसंबर 2021 को डिजिटल तरीके से आयोजित होने वाले लोकतंत्र पर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित करने पर अमेरिका के आभारी हैं।’’

Pakistani Prime Minister Imran Khan and Chinese President Xi Jinping- India TV Hindi Image Source : AP FILE PHOTO Pakistani Prime Minister Imran Khan and Chinese President Xi Jinping.

Highlights

  • Democracy Summit 2021 में जाने से पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने मना कर दिया है
  • Democracy Summit 2021 की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कर रहे हैं
  • चीन आमंत्रितों देशों की सूची में नहीं है

बीजिंग/इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा लोकतंत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का निर्णय किया है। इस्लामाबाद ने यह फैसला चीनी विदेश मंत्री वांग यी की देर रात अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद किया। पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज’ में गुरुवार प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने इस सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया है, जिसकी मेजबानी 9-10 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कर रहे हैं। अमेरिका ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए 110 देशों को आमंत्रित किया है।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र से आमंत्रित देशों में भारत, पाकिस्तान, मालदीव, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपीन शामिल हैं। चीन आमंत्रितों देशों की सूची में नहीं है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर आठ दिसंबर को पोस्ट किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘हम 9-10 दिसंबर 2021 को डिजिटल तरीके से आयोजित होने वाले लोकतंत्र पर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित करने पर अमेरिका के आभारी हैं।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘हम अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देते हैं, जिसका हम द्विपक्षीय और क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग दोनों के लिहाज से विस्तार करना चाहते हैं। हम कई मुद्दों पर अमेरिका के संपर्क में रहते हैं और मानते हैं कि हम भविष्य में इस विषय पर उपयुक्त समय पर जुड़ सकते हैं।’’

विश्लेषकों का कहना है कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका के निमंत्रण ने इस्लामाबाद को संकट में डाल दिया क्योंकि यह चीन को अलग-थलग करने के उद्देश्य से किया गया था। अमेरिका द्वारा ताइवान को आमंत्रित करने के कारण भी चीन इस शिखर सम्मेलन के आयोजन से नाराज है क्योंकि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। गौरतलब है कि सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का पाकिस्तान का निर्णय पिछले शुक्रवार को कुरैशी के साथ देर रात टेलीफोन पर बातचीत के बाद लिया गया। 

 

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