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Hindi News विदेश एशिया पाकिस्तान में लोकतंत्र की रक्षा न सेना और न ही बाहरी मुल्क कर सकता है: इमरान खान

पाकिस्तान में लोकतंत्र की रक्षा न सेना और न ही बाहरी मुल्क कर सकता है: इमरान खान

इमरान खान ने कहा कि केवल पाकिस्तान के लोग ही अपनी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक संस्थानों की पवित्रता की रक्षा कर सकते हैं।

Imran Khan, Imran Khan Pakistan, General Qamar Javed Bajwa, Qamar Javed Bajwa- India TV Hindi Image Source : AP FILE Pakistan Prime Minister Imran Khan, right and Army Chief General Qamar Javed Bajwa.

Highlights

  • इमरान खान ने इशारों-इशारों में सेना को अपने निशाने पर ले लिया।
  • इमरान ने पाकिस्तान में जल्द आम चुनाव कराने का आह्वान किया।
  • कोई भी सेना या बाहरी मुल्क उनके देश में लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकता: इमरान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सत्ता से हटने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को इशारों-इशारों में सेना को अपने निशाने पर ले लिया। इमरान ने पाकिस्तान में जल्द आम चुनाव कराने का आह्वान किया और कहा कि कोई भी सेना या बाहरी मुल्क उनके देश में लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकता। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह जल्द ही पेशावर में एक बैठक करेंगे, और वह चाहते हैं कि इस बैठक में उनके सभी लोग आएं।

पार्टी के हैंडल पर पोस्ट किया वीडियो मैसेज
संसद में अविश्वास प्रस्ताव हारने के कुछ दिन बाद अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल पाकिस्तान के लोग ही अपनी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक संस्थानों की पवित्रता की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सेना या बाहरी मुल्क पाकिस्तान में लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकता।


बुधवार को पेशावर में होगी इमरान की बैठक
पाकिस्तान 1947 में अपने गठन के बाद से कई शासन परिवर्तन और सैन्य तख्तापलट के साथ राजनीतिक अस्थिरता से जूझता रहा है। किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय खान ने यह भी घोषणा की कि वह बुधवार को पेशावर में एक बैठक करेंगे। उन्होंने कहा, ‘विदेश द्वारा उकसाए गए शासन परिवर्तन के माध्यम से हटाए जाने के बाद यह मेरा पहला जलसा होगा।’

‘पाकिस्तान पर एक बड़ी साजिश थोपी गई’
इमरान ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं चाहता हूं कि हमारे सभी लोग आएं, क्योंकि पाकिस्तान एक स्वतंत्र, संप्रभु राज्य के रूप में बनाया गया था, न कि विदेशी शक्तियों की कठपुतली राज्य के रूप में।’ उन्होंने संयुक्त विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का हवाला देते हुए फिर दावा किया कि पाकिस्तान पर एक ‘बड़ी साजिश’ थोपी गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपदस्थ कर दिया गया।

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