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भारत के इस एक निर्णय से गदगद हो गया चीन, मगर भारतीयों को होगा ज्यादा फायदा

भारत ने चीनी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में ढील देने का फैसला किया है। भारतीय उद्योंगों को रफ्तार देने के मकसद से सरकार ने यह प्रक्रिया शुरू की है। कहा जा रहा है कि इससे चीनी तकनीशियन आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे और भारतीय उद्योंगों की रफ्तार बढ़ेगी।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो
भारत के एक फैसले से चीन खुश हो गया है। दरअसल भारत ने चीनी नागरिकों के लिए अब वीजा नियमों में सहूलियत देने का मन बनाया है। ऐसे में चीनी पेशेवर खुशी से गदगद हैं। भारत में उन्हें अब ज्यादा मौके मिलेंगे। वहीं इस फैसले से चीनी तकनीशियनों की आसानी से उपलब्धता से भारतीय उद्योंगों की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है। इसीलिए सरकार ऐसे पेशेवरों और तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले चीनी नागरिकों को वीजा की समय पर मंजूरी देने के लिए प्रक्रियाओं को और अधिक सुव्यवस्थित करने पर विचार कर रही है जिनकी विशेषज्ञता की भारतीय उद्योग को विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए जरूरत है।
 
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों ने सरकार को अवगत कराया कि उन्हें कारखानों में मशीनें स्थापित करने जैसे जरूरी कार्यों के लिए चीनी पेशेवरों की विशेषज्ञता की आवश्यता होती है, लेकिन उनके लिए वीजा प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने हाल ही में तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले उन चीनी नागरिकों के खातिर वीजा अनुमोदन को सुव्यवस्थित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की है जिनकी विशेषज्ञता की जरूरत ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन’ (पीएलआई) योजना के तहत विक्रेताओं को होती है। नाम न उजागर करने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘अब हम संभवत: अन्य के लिए इसे और उदार बना रहे हैं।

विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए फैसला

भारत सरकार ने अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए यह फैसला किया है। चीनी नागरिकों को वीजा आसानी से उपलब्ध कराने के लिए अब प्रक्रिया जारी है और एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है। मौजूदा प्रणाली के तहत, विनिर्माण क्षमता स्थापित करने में मदद करने के लिए आने वाले चीनी नागरिकों के खातिर वीजा मंजूरी में तेजी लाने के वास्ते भारत के पास एक एसओपी है। हमने पहले ही इसे काफी हद तक सुव्यवस्थित कर दिया है। अब हम यह देख रहे हैं कि उनके लिए और क्या किया जा सकता है।’’ उद्योग जगत से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि समस्या तब आती है जब भारतीय अधिकारी चीनी पेशेवरों के लिए विश्वविद्यालय योग्यता प्रमाणपत्र पर जोर देते हैं। (भाषा)

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