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भारत ने PFI को किया बैन, तो पाकिस्तान को हुआ दर्द, पहले संगठन के सपोर्ट में किया ट्वीट, फिर फजीहत होते ही किया डिलीट

Pakistan on PFI Ban: पीएफआई ने खुद पर बैन लगने के बाद ट्वीट किया था, जिसमें उसने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों में बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हो रही हैं। इसके साथ ही पीएफआई ने इसे संगठन को निशाना बनाने वाली सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया।

Pakistan on PFI Ban- India TV Hindi Image Source : PIXABAY Pakistan on PFI Ban

Highlights

  • पीएफआई बैन मामले में पाकिस्तान ने दी प्रतिक्रिया
  • कनाडा में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने किया ट्वीट
  • सरकार ने गैर कानूनी गतिविधियों के चलते लगाया बैन

Pakistan on PFI Ban: भारत सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर बैन लगा दिया। इसपर कनाडा के वैंकूवर में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने प्रतिक्रिया दी है। भारत ने पीएफआई को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 के तहत प्रतिबंधित किया है। भारत सरकार के इस फैसले पर पाकिस्तान ने साइलेंट तरीके से प्रतिक्रिया दी है। आधिकारिक तौर पर तो दूतावास ने कुछ नहीं कहा लेकिन उसने पीएफआई के ट्वीट पर कमेंट कर दिया। जो सरकार के फैसले के खिलाफ किया गया था। केवल इतना ही नहीं, बल्कि इस ट्वीट में संयुक्त राष्ट्र से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों को टैग किया गया था। 

पीएफआई ने अपने ट्वीट में क्या कहा?

पीएफआई ने खुद पर बैन लगने के बाद ट्वीट किया था, जिसमें उसने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों में बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हो रही हैं। इसके साथ ही पीएफआई ने इसे संगठन को निशाना बनाने वाली सरकार का तानाशाही रवैया करार दिया। जिसके बाद पाकिस्तान के दूतावास ने इस ट्वीट पर कमेंट करते हुए अमेरिकी अटॉर्नी और एक मानवाधिकार कार्यकर्ता केन रूथ को भी टैग किया। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग से लेकर यूरोपीय संघ और एमनेस्टी इंटरनेशनल को भी टैग किया गया। इसमें पाकिस्तान के विदेश विभाग को भी टैग किया गया था। हालांकि थोड़ी देर बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। 

पुणे में पाकिस्तान को लेकर लगे नारे

पीएफआई की बात करें, तो इस संगठन की शुरुआत साल 2006 में हुई थी और यह बीते कुछ सालों से चर्चा में है। हाल ही में जब पुणे में एक रैली के दौरान 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे, तो सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए। जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने नारे लगाए जाने के इस मामले में कार्रवाई की।

तुर्की और आईएसआई की लेता था मदद

बीते हफ्ते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआई) की जांच में सामने आया था कि पीएफआई के लिए किस तरह तुर्की और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (आईएसआई) से पैसा आ रहा है। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आईएसआई की मदद से पीएफआई को काफी पैसा मिल रहा है, जिसका इस्तेमाल आतंक की फंडिंग के लिए किया जा रहा है। एनआईए ने ये भी कहा कि पाकिस्तान खाड़ी देशों के मजदूरों के बैंक अकाउंट के जरिए पीएफआई को फंडिंग कर रहा है। 

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