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बुरा फंसा पाकिस्तान...रूसी रियायत पर आया लालच तो अमेरिका खींचने लगा कान

Russia offered cheap oil to Pakistan, America angry: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन के एक रियायती ऑफर ने पाकिस्तान को बड़ी मुश्किल में फंसा दिया है। दरअसल अमेरिका की अगुवाई में जी-7 देशों द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप लगा दिया गया है।

शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री- India TV Hindi Image Source : AP शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

Russia offered cheap oil to Pakistan, America angry: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन के एक रियायती ऑफर ने पाकिस्तान को बड़ी मुश्किल में फंसा दिया है। दरअसल अमेरिका की अगुवाई में जी-7 देशों द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप लगा दिया गया है। इसके बाद रूस पश्चिमी और यूरोपीय देशों को तेल न बेचकर एशियाई व अन्य देशों में सप्लाई देने का विकल्प तलाश रहा है। इसी क्रम में रूस ने पाकिस्तान को सस्ती दर पर कच्चा तेल मुहैया कराने का ऑफर दे दिया है। पाकिस्तान को यह ऑफर रास भी आ रहा है, लेकिन रूस और पाकिस्तान के बीच होने वाले इस ट्रेड पर अमेरिका की टेंढ़ी नजर है। अमेरिका पाकिस्तान पर रूस के ऑफर पर तेल नहीं लेने का दबाव बना रहा है। ऐसे में पाकिस्तान बुरा फंस गया है। अब उसे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करे?

पाकिस्तान के सामने अब हालत यह है कि वह रूस के इस ऑफर को न तो निगल पा रहा है और न ही उगल पा रहा है। अगर इस ऑफर को वह इनकार करता है तो इससे रूस नाराज होगा। साथ ही इसमें पाकिस्तान की आवाम का भी नुकसान है। क्योंकि उसे रूस से सस्ता तेल शायद और कोई नहीं दे सकता। वैसे भी इस वक्त पाकिस्तान की वित्तीय हालत खस्ता है। ऐसी स्थिति में रूस का यह ऑफर उसके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। मगर पाकिस्तान के लिए दूसरी तरफ अमेरिका का डर भी है। यदि पाकिस्तान ने रूस से तेल लिया तो अमेरिका उसकी मदद करना बंद कर सकता है। ऐसे में पाकिस्तान की हालत और खस्ता हो सकती है। आपको बता दें कि अभी कुछ महीने पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान को एफ-16 के रखरखाव के नाम पर 45 लाख करोड़ डॉलर का बड़ा पैकेज दिया था। बाढ़ से निपटने के लिए भी पाकिस्तान को अलग आर्थिक सहायता दी थी। इसलिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अब कड़ी अग्निपरीक्षा है।

पाकिस्तान के लिए एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाईं
अब पाकिस्तान के लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाईं जैसी स्थिति है। वह रूस के इस ऑफर को न तो स्वीकार कर पा रहा है और न ही उसे इनकार कर पा रहा है। दरअसल रूस ने पाकिस्तान को 1 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चा तेल रियायती दरों पर उपलब्ध कराने की पुष्टि की है। इस पर सहमति की बात भी बताई जा रही है। पाकिस्तान के केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने मास्को से लौटने के बाद इस ऑफर की पुष्टि की है। हालांकि अभी तक दर का खुलासा नहीं किया गया है। इसे जनवरी में अंतिम रूप दिए जाने की बात भी हो चुकी है, लेकिन इस बीच अमेरिका की आपत्ति ने पाकिस्तान को मुश्किल में फंसा दिया है।

रियायती दर पर पेट्रोल-डीजल का ऑफर
पाकिस्तानी पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार रूस उसे रियायती दर पर कच्चा तेल देगा। साथ ही वह पेट्रोल और डीजल जैसे रिफाइनरी उत्पादों पर भी छूट देगा। पाकिस्तानी के पेट्रोलियम मंत्री ने तेल और गैस की आपूर्ति के संबंध में रूस के साथ बहुत सकारात्मक बातचीत होने का दावा किया है। वहीं अमेरिका ने पाकिस्तान को प्राइस कैप का उल्लंघन नहीं करने की चेतावनी दी है। अगर पाकिस्तान रूस से प्राइस कैप पर तेल लेता है तो रूस उसे मुहैया नहीं कराएगा। इसलिए यह पाकिस्तान के लिए संकटपूर्ण स्थिति पैदा करने वाला है। क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ की चिंताओं को नजरअंदाज करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा। ऐसा करने पर पाकिस्तान को कई बड़े नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान को आइएमएफ ने बेलआउट पैकेज भी अमेरिका के समर्थन और प्रभाव से ही फिर से दिया था। ऐसे में यदि अब पाकिस्तान अपनी बिगड़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से निकटता बढ़ाता है तो यह उसके लिए खतरे की घंटी है। इस मामले में भारत की नकल करना पाकिस्तान को भारी पड़ सकता है। 

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