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बिपरजॉय से बर्बाद होने वाला था पाकिस्तान, मगर बचाने आ गया हिंदुस्तान!

भारत की वजह से पाकिस्तान बिपरजॉय तूफान से तबाह होने से बच गया। मगर मीडिया की एक खबर के अनुसार, "कराची के कुछ स्थानीय लोग और विशेष रूप से दरगाह अब्दुल्ला शाह गाजी के अनुयायियों का मानना है कि यहां दफनाए गए सूफी संत के चमत्कार के कारण कराची तूफान से बच गया है।"

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

पाकिस्तान बिपरजॉय तूफान से बिल्कुल बर्बाद होने वाला था, लेकिन यह तबाही भारत की वजह से थम गई। बिपरजॉय से पाकिस्तान को बचाने यदि हिंदुस्तान नहीं आया होता, तो वहां हालात बदतर हो गए होते। पाकिस्तान खून के आंसू रो रहा होता और हाहाकार मच गया होता। मगर अब आप सोच रहे होंगे कि जब भारत और पाकिस्तान कट्टर दुश्मन हैं तो आखिर हिंदुस्तान उसे बचाने क्यों आ गया?...आपका यह सवाल बिलकुल वाजिब है। आइए अब आपके मन में उठ रहे इस सवाल का जवाब भी देते हैं और बताते हैं कि आखिरकार भारत ने पाकिस्तान को बिपरजॉय से कैसे बचाया?

पाकिस्तान के वैज्ञानिकों के साथ सरकार भी मानती है कि वह भारत की वजह से काफी हद तक चक्रवात बिपरजॉय की तबाही से बच गया। यदि बीच में हिंदुस्तान नहीं आया होता तो पाकिस्तान में खलबली मच गई होती। दरअसल शुक्रवार को बिपरजॉय सबसे पहले भारत में गुजरात पहुंचा और यहां कच्छ के तट से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बिपरजॉय की रफ्तार इसके बाद कमजोर पड़ गई। इससे पाकिस्तान पहुंचते-पहुंचते इसकी गति मंद हो गई और वह बच गया। इस प्रकार हिंदुस्तान ने बिपरजॉय के तूफान को अपने सीने पर टकरा लिया और पाकिस्तान बर्बाद होने से बच गया।

पाकिस्तानियों ने ली राहत की सांस

भारत की वजह से अब हर पाकिस्तानी राहत की सांस ले रहा है। सिंध प्रांत के तटीय शहर केटी के लोगों के लिए चक्रवात की चेतावनी जारी की गई थी और वे अब अपने घरों को लौट रहे हैं। अब पाकिस्तान के मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने कहा है कि चक्रवात बिपरजॉय कमजोर होकर ‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान’ (वीएससीएस)से ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ (एससीएस) में बदल गया है। पीएमडी ने अपने नए परामर्श में कहा है कि ‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान’ बिपरजॉय भारतीय राज्य गुजरात के तट (जखौ बंदरगाह के पास) को पार करने के बाद कमजोर होकर ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है। परामर्श में कहा गया है कि आज दोपहर तक इसके और कमजोर होकर ‘चक्रवाती तूफान’ (सीएस) में बदलने का अनुमान है और बाद में शाम तक यह कम दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है। जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान तैयार था, लेकिन काफी हद तक चक्रवात की तीव्रता से बच गया।

सिंध के समुद्री इलाके हुए जलमग्न

सिंध में सुजावल जैसे तटीय इलाके समुद्री लहरों से जलमग्न हो गए, लेकिन ज्यादातर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था।” उन्होंने बचाव कार्य में समन्वय के लिए संबंधित सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को वापस उनके घर भेजने के बारे में चर्चा के लिए अधिकारी आज बैठक करेंगे। सिंध सरकार ने विभिन्न संवेदनशील जिलों से 67,367 लोगों को सुरक्षित निकाला था और उनके ठहरने के लिए 39 राहत शिविर बनाए थे। इस बीच, कराची शहर के एक बार फिर चक्रवात से बच जाने के बाद पुरानी बहस तेज हो गई कि क्या शहर को इसके 'संरक्षक संत' ने फिर बचा लिया। कायदे आजत विश्वविद्यालय में पृथ्वी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ.मोनालिसा ने बीबीसी से कहा कि कराची तीन प्लेट (भारतीय, यूरेशियन और अरब) की सीमा पर स्थित है, जो किसी भी तूफान के लिए प्राकृतिक अवरोधक हैं।

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