A
Hindi News विदेश एशिया Philippines Storm: गांव वालों को एक गलती पड़ी भारी, तूफान को सुनामी समझ ऊंचे पहाड़ों पर चढ़े और वहीं दफन हो गए

Philippines Storm: गांव वालों को एक गलती पड़ी भारी, तूफान को सुनामी समझ ऊंचे पहाड़ों पर चढ़े और वहीं दफन हो गए

Philippines Storm: फिलीपींस के लोगों को एक गलती भारी पड़ गई। ये लोग तूफान को सुनामी समझकर ऊंचे पहाड़ पर चढ़ गए। जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई है।

फिलीपींस में आया भीषण तूफान- India TV Hindi Image Source : AP फिलीपींस में आया भीषण तूफान

Philippines Storm: फिलीपींस के कुसियोंग गांव के निवासी रविवार तड़के भारी तबाही मचाने वाले तूफान को सुनामी समझ बैठे, जिसके चलते वे पहाड़ की तरफ ऊंचे स्थान की ओर दौड़ पड़े और फिर वहीं जिंदा दफन हो गए। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि गांव वालों को यह गलतफहमी इसलिए हुई, क्योंकि कुसियोंग इससे पहले विनाशकारी सुनामी का सामना कर चुका था। उत्तर-पश्चिमी तट पर भारी तबाही मचाने वाले ‘नालगे’ नामक उष्णकटिबंधीय तूफान से सबसे अधिक प्रभावित हिस्सों में शामिल दक्षिणी प्रांत मैग्विनडानाओ के कुसियोंग गांव में दूर-दूर तक लगे कीचड़ के अंबार से बचावकर्ता अब तक कम से कम 18 शव निकाल चुके हैं।

पूर्व गुरिल्ला अलाववादियों द्वारा शासित पांच मुस्लिम प्रांतों के स्वायत्त क्षेत्र के गृह मंत्री नजीब सिनारिंबो ने कहा, अधिकारियों को बृहस्पतिवार रात और शुक्रवार तड़के के बीच कुसियोंग गाव में 80 से 100 लोगों के बाढ़ के पानी में बहने या दफन होने की आशंका है। ‘नालगे’ के दौरान फिलीपीन में भारी बारिश हुई, जिसके कारण कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई। जान गंवाने वालों में कुसियोंग गांव के लोग भी शामिल हैं। साथ ही यह तूफान आपदा के लिहाज से सबसे संवेदनशील देशों में शुमार फिलीपीन में भारी तबाही का मंजर छोड़ गया।

सुनामी की वजह से हुई घातक तबाही

‘टेडुरे’ जातीय अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाले कुसियोंग गांव के लिए यह आपदा और भी दुखद है, क्योंकि इसके 2,000 से अधिक ग्रामीण सुनामी से बचने के लिए दशकों से हर साल आपदा प्रबंधन की तैयारियां करते रहे हैं। यह गांव सुनामी के कारण घातक तबाही का भी गवाह रह चुका है। सिनारिंबो ने कहा कि ग्रामीण हालांकि मिनंदर पर्वत से आए इस खतरे क‍ो भांप नहीं पाए। उन्होंने कुसियोंग में रहने वाले लोगों के हवाले से ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया, “जब लोगों ने चेतावनी घंटी की आवाज सुनी तो वे भागने लगे और एक ऊंचे स्थान पर स्थित गिरजाघर में जमा हो गए। लेकिन यह सुनामी नहीं थी, जो उन्हें डुबो देती। बल्कि यह पानी और कीचड़ का बड़ा सैलाब था, जो पहाड़ से उतरा था।”

सिनारिंबो ने कहा कि इस एक गलतफहमी से दर्जनों गांववालों की जान चली गई। कुसियोंग गांव मोरो की खाड़ी और मिनंदर पर्वत के बीच में पड़ता है। अगस्त 1976 में मोरो खाड़ी और इसके आसपास 8.1 तीव्रता के भूकंप के बाद आई सुनामी ने भारी तबाही मचाई थी, जिसके चलते हजारों लोगों की मौत हो गई थी।

Latest World News