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पुतिन ने परमाणु हथियारों पर रोक लगाने वाली संधि निलंबित की, Nuclear War की आशंका तेज

यूक्रेन युद्ध के 1 वर्ष पूरे होने से पहले ही दुनिया में पैदा हुई नई हलचलों ने सबके होश उड़ा दिए हैं। आगामी 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। हमले की बरसी से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव की औचक यात्रा करके रूस का कड़ा संदेश देने का प्रयास किया।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन- India TV Hindi Image Source : PTI रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन

नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध के 1 वर्ष पूरे होने से पहले ही दुनिया में पैदा हुई नई हलचलों ने सबके होश उड़ा दिए हैं। आगामी 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। हमले की बरसी से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव की औचक यात्रा करके रूस का कड़ा संदेश देने का प्रयास किया। साथ ही उन्होंने 500 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त रक्षा सहायता देकर जेलेंसकी के हौसलों को और अधिक मजबूत कर दिया। इसके बाद अन्य पश्चिमी देशों का उत्साह भी यूक्रेन की मदद के लिए चौगुना हो गया। इस हालात को देखने के बाद आज पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को यूक्रेन युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके कुछ ही घंटों बाद पुतिन ने परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाने वाली अमेरिकी के साथ हुई संधि को निलंबित करके पूरी दुनिया को चौंका दिया। 

पुतिन के इस फैसले ने यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को न्यूक्लियर वार के नए खतरे में डाल दिया है। अब तक इस संधि की वजह से रूस के हाथ बंधे हुए थे। मगर इस संधि में रूस की भागीदारी को पुतिन ने निलंबित करके यूक्रेन पर परमाणु हमले की आशंका को बढ़ा दिया है। इससे अमेरिका समेत यूक्रेन ओर पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। आज मंगलवार को अपने संबोधन के कुछ घंटे बाद लिए फैसले के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस उस संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाना है।

2010 में अमेरिका और रूस के बीच हुआ था समझौता
रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए यह समझौता हुआ था। दोनों देशों ने तथाकथित ‘न्यू स्टार्ट’ (नयी सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि) संधि पर 2010 में हस्ताक्षर किए थे। यह संधि दोनों देशों द्वारा तैनात किये जा सकने वाले लंबी दूरी के परमाणु मुखास्त्रों की संख्या को सीमित करती है और परमाणु हथियार ले जाने में समक्ष मिसाइल के उपयोग को दायरे में रखती है। पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि रूस अभी संधि से पूरी तरह से नहीं हट रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका परमाणु हथियार परीक्षण फिर से शुरू करता है, तो रूस को भी ऐसा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। पुतिन के इस फैसले ने यूक्रेन पर परमाणु हमले के खतरे को कई गुना बढ़ा दिया है। पुतिन ने यह फैसला जो बाइडन के कीव दौरे के बाद लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि पुतिन ने यूक्रेन को गलत समझा था, लेकिन अमेरिका और पूरा पश्चिम कीव के साथ खड़ा है। 

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