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Hindi News विदेश एशिया बुझ नहीं रही रूस के जंगलों में लगी यह आग, धधक रहा यूराल पर्वत; अब तक 21 लोग जलकर खाक

बुझ नहीं रही रूस के जंगलों में लगी यह आग, धधक रहा यूराल पर्वत; अब तक 21 लोग जलकर खाक

रूस की यूराल पर्वत शृंखला में जंगलों में लगी आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है। यह लगातार विकराल होती जा रही है। आग की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 21 हो गई। देश की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने आपात सेवा एजेंसियों के हवाले से जारी खबर में यह जानकारी दी।

रूस में लगी आग की तस्वीर (फाइल)- India TV Hindi Image Source : AP रूस में लगी आग की तस्वीर (फाइल)

रूस की यूराल पर्वत शृंखला में जंगलों में लगी आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है। यह लगातार विकराल होती जा रही है। आग की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 21 हो गई। देश की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने आपात सेवा एजेंसियों के हवाले से जारी खबर में यह जानकारी दी। एजेंसी के मुताबिक, यूराल पर्वत शृंखला के कुरगन क्षेत्र और साइबेरिया में पिछले एक हफ्ते से जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। पश्चिमी साइबेरिया के त्युमेन प्रांत का एक व्यक्ति आग बुझाने की कोशिश के दौरान झुलस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

स्थानीय प्राधिकारियों के अनुसार, जंगलों में लगी आग से ज्यादातर मौतें रविवार को कुरगन प्रांत के युल्दुस गांव में हुईं, जो यूराल पर्वत शृंखला और साइबेरिया के बीच की सीमा पर स्थित है। क्षेत्रीय आपातकालीन सेवा के अधिकारियों ने आशंका जताई, “मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।” उन्होंने कहा कि प्रांत में 5,000 से अधिक इमारतें जलकर खाक हो गई हैं और यहां आपातकाल लागू कर दिया गया है। रूस के स्वेरदलोव्स्क प्रांत और साइबेरिया के ओम्स्क और त्युमेन प्रांतों में भी आग ने हजारों एकड़ क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है।

असंख्य जीव-जंतुओं की मौत की आशंका

जंगल में एक हफ्ते से जल रही भीषण आग के चलते असंख्य जीव-जंतुओं की मौत होने की आशंका है। हालांकि अब तक कितने जीव-जंतुओं की मौत हो चुकी है। इसका अंदाजा लगाना किसी के लिए भी मुश्किल हो रहा है। मगर माना जा रहा है कि इस आग से जंगल में रह रहे कोई भी जीव-जंतु वहां तक जीवित नहीं बचेंगे, जहां तक इस आग का दायरा होगा। रूस में हाल के वर्षों में जंगलों में बड़े पैमाने पर आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों ने इसके लिए असामान्य रूप से शुष्क ग्रीष्मकाल और उच्च तापमान को दोषी ठहराया है।

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