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सरकार विरोधी प्रदर्शन करने पर इस व्यक्ति को मिली मौत की सजा,आप भी जान कर रह जाएंगे हैरान

Death Penalty in Iran for Protest:क्या आप कभी सोच सकते हैं कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर मौत की सजा भी किसी को दी जा सकती है...शायद नहीं। मगर यह सच है। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले एक आंदोलनकारी को मौत की सजा सुनाए जाने से पूरी दुनिया में तहलका मच गया है।

ईरान में विरोध प्रदर्शन की प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : AP ईरान में विरोध प्रदर्शन की प्रतीकात्मक फोटो

Death Penalty in Iran for Protest:क्या आप कभी सोच सकते हैं कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर मौत की सजा भी किसी को दी जा सकती है...शायद नहीं। मगर यह सच है। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले एक आंदोलनकारी को मौत की सजा सुनाए जाने से पूरी दुनिया में तहलका मच गया है। साथ ही पांच अन्य प्रदर्शनकारियों को पांच से 10 साल तक के कारावास की सजा सुनाई गई है। यह सुनकर हर कोई दंग रह गया है। प्रदर्शनकारी को महज इसलिए मौत की सजा सुना दी गई कि उसने प्रदर्शन के दौरान सरकारी भवन में आग लगा दी थी।

आप यह सोचकर हैरान होंगे कि आखिर कोई सरकार भला ऐसे कैसे कर सकती है और यह मामला किस देश से जुड़ा है...तो आपको बता दें कि यह मामला ईरान का है, जहां हिजाब पहनने के विरोध में महीनों से महिलाएं सड़क पर हैं और सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। ईरान की रिवोल्यूशनरी अदालत ने देश में लगातार जारी अशांति के बीच एक सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी को मृत्युदंड और पांच अन्य लोगों को कारावास की सजा सुनाई है।

कैसे प्रदर्शन ने पकड़ा जोर
ईरान में पिछले कुछ हफ्तों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए गिरफ्तार लोगों के खिलाफ जारी मुकदमों में संभवत: पहली बार मौत की सजा दी गई है। ईरान की न्यायपालिका से संबंधित समाचार वेबसाइट मिजान ने बताया कि प्रदर्शनकारी को एक सरकारी भवन में आग लगाने के मामले में मौत की सजा सुनाई गई। वहीं पांच अन्य लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में पांच से 10 साल की सजा दी गई। आपको बता दें कि ईरान पुलिस की हिरासत में 16 सितंबर को 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। महिलाओं के लिए ईरान में सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने पर अमीनी को हिरासत में लिया गया था।

 शुरुआत में विरोध प्रदर्शन ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता पर केंद्रित थे, लेकिन बाद में प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता गया और ये 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सत्तारूढ़ शासकों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक में बदल गए हैं। अब प्रदर्शनकारियों में से एक को मौत की सजा देने और अन्य को जेल की सजा सुनाए जाने से यह आक्रोश और भी अधिक भड़क सकता है।

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