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जापान के तट पर हजारों मछलियों की मौत, ड्रोन से दिखा हैरान करने वाला नजारा

जापान के समुद्र में तट पर हजारों की संख्या में मछलियां मृत अवस्था में दिखाई दे रही है। बड़े पैमाने पर इन मछलियों की मौत का कारण अभी तक रहस्य बना हुआ है।

जापान के तट पर हजारों मछलियों की मौत- India TV Hindi Image Source : REUTERS जापान के तट पर हजारों मछलियों की मौत

Dead Fishes in Japan Sea: जापान के तट पर हजारों मछलियों की मौत हो गई है। 7 दिसंबर को एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा खींचे गए ड्रोन फुटेज में उत्तरी जापान में हाकोडेट के तटों पर हजारों मरी हुई मछलियां दिखाई दी हैं। इस संबंध में हाकोडेट शहर के अधिकारियों ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि तोई जिले के हमाचो में एक समुद्र तट पर बड़ी संख्या में सार्डिन और अन्य मछलियां मृत अवस्था में देखी गईं, उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर मछलियों की मौत का कारण अज्ञात है। अपने बयान में स्थानीय लोगों से आग्रह किया गया है कि मरी हुई मछलियों को घर न लाया जाए। क्योंकि हो सकता है कि जहर की वजह से इन मछलियों की मौत हुई हो।

बढ़ी पर्यावरणविदों की चिंता

उत्तरी जापान के तटों पर भारी संख्या में मरी हुई मछलियाँ बहती हुई पाई गई हैं। एक्स (ट्विटर) सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित एक वायरल वीडियो में कैद फुटेज में तटीय क्षेत्रों में हजारों मछलियां दिखाई दे रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों के बीच चिंताएं बढ़ रही हैं। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में इसी तरह की एक घटना में जनवरी में होक्काइडो के तीन शहरों के समुद्र तटों पर जमे हुए सार्डिन को किनारे पर बहते हुए देखा गया था। उनके शरीर ओखोटस्क सागर के तट के साथ कई किलोमीटर तक फैले हुए थे। यह घटना पिछले साल और 5 साल पहले भी होक्काइडो के वक्कानई शहर के पास भारी बर्फबारी के बाद घटी थी। इन मछलियों की मौत का कारण अभी भी रहस्य बना हुआ है।

जापान के सी फूड पर चीन लगा चुका है प्रतिबंध

जापान में हजारों मछलियों के मरने की वजह क्या है, यह अभी पता नहीं चल सका है। हालांकि इससे पहले जापान में बड़ी संख्या में जापान की ओर से जहरीला पानी' यानी परमाणु जल हाल के समय में छोड़ा गया था।  जापान ने परमाणु प्लांट से 'रेडियोएक्टिव' वाटर छोड़ा था। इस घटना से समुद्र का पानी दूषित हो गया था। इस कारण भड़के चीन ने जापान से आने वाले 'सी फूड' के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। 12 साल पहले 2011 में आए भूकंप और सूनामी की वजह से फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में भयानक विस्फोट हुआ था। इसके बाद से ही वहां 133 करोड़ लीटर रेडियोएक्टिव पानी जमा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक वहां जमा पानी करीब 500 ओलंपिक साइज स्विमिंग पुल के जितना है। (रायटर्स)

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