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Hindi News विदेश एशिया ...तो हम भी बनाएंगे परमाणु बम, जानिए सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने क्यों दी ऐसी बड़ी धमकी?

...तो हम भी बनाएंगे परमाणु बम, जानिए सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने क्यों दी ऐसी बड़ी धमकी?

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम में तेजी पर नाराजगी जताई है। साथ ही धमकी भी दे डाली है कि यदि ईरान ने परमाणु हथियार बनाए तो हम भी पीछे नहीं रहेंगे।

सऊदी अरब के प्रिंस सलमान- India TV Hindi Image Source : FILE सऊदी अरब के प्रिंस सलमान

Saudi Arab News: सऊदी अरब और ईरान की दोस्ती नई नई है। साल की शुरुआत में चीन ने अपने देश मे ईरान और सऊदी अरब के बीच दोस्ती कराई थी। ​ईरान जो शिया बहुल देश है, उसकी सुन्नी देश सऊदी अरब से दोस्ती की दुनियाभर में चर्चा हुई। दिक्कत यह है कि ईरान पूरी ता​कत के साथ परमाणु बम बनाने की जुगत में है। वहीं इस मामले पर ईरान और अमेरिका की दुश्मनी और गहरी हो गई है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रगति देखकर भला सऊदी अरब कहां पीछे रहने वाला था। यही कारण है कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने धमकीभरा ऐलान किया है। सलमान ने कहा कि यदि ईरान परमाणु हथियार हासिल कर लेता है तो हम भी पीछे नहीं रहेंगे और तब हमारे पास भी परमाणु हथियार होंगे।   

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब परमाणु हथियार हासिल कर लेगा यदि उसका प्रतिद्वंद्वी ईरान पहले ऐसा करता है। उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी की। संबंधित खतरों के बारे में बोलते हुए, प्रिंस सलमान ने कहा कि जब भी कोई देश परमाणु हथियार हासिल करता है तो सऊदी अरब 'चिंतित' होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी परमाणु हथियार का उपयोग नहीं करेगा क्योंकि इसका मतलब 'बाकी दुनिया के साथ युद्ध' शुरू करना होगा। सऊदी प्रिंस ने आगे कहा, 'दुनिया दूसरा हिरोशिमा नहीं देखना चाहती। अगर दुनिया 1 लाख लोगों को मरते हुए देखेगी तो इसका मतलब है कि आप बाकी दुनिया के साथ युद्ध में हैं।'

पहले भी सऊदी अरब दे चुका है इस तरह का बयान

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ईरान के संभावित खतरे को देखते हुए परमाणु बम संबंधित कोई बयान सऊदी अरब की तरफ से आया हो। इससे पहले अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने पिछले साल बयान दिया था कि अगर तेहरान को 'ऑपरेशनल परमाणु हथियार' मिलता है तो राज्य अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाएगा। दरअसल, 2015 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु एग्रीमेंट से मुकरने और बाइडेन प्रशासन के इस पर वापस आने से मना करने के बाद ईरान ने परमाणु हथियार कार्यक्रम में तेजी ला दी है। इससे मिडिल ईस्ट के इलाके की स्थिरता पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

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