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अमेरिका के काम नहीं आई भारत से भेजी गई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा, उपयोग के नतीजे निराशाजन

अमेरिका में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग से कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है।

hydroxychloroquine- India TV Hindi Image Source : AP hydroxychloroquine

वाशिंगटन। अमेरिका में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग से कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। बड़ी संख्या में उन लोगों की मौत होने की खबर है, जिन्हें यह मलेरिया-रोधी दवा दी गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी सामने आयी है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि घातक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की सिफारिश या विरोध करने के लिए अभी पर्याप्त क्लिनिकल डेटा मौजूद नही है। कोविड-19 रोगियों के उपचार में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग को जोर-शोर से बढ़ावा देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह इन रिपोर्टों पर गौर करेंगे। 

ट्रम्प प्रशासन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 3 करोड़ से अधिक खुराक का भंडार किया है, जिसका एक बड़ा हिस्सा भारत से आयात किया गया है। ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर अपने दैनिक समाचार सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है। जाहिर है, कुछ बहुत अच्छी रिपोर्टें रही हैं और शायद यह अच्छी रिपोर्ट नहीं है। लेकिन हम इस मामले को देख रहे हैं। हम उचित समय पर इस पर टिप्पणी करेंगे।’’ 

प्रकाशन के लिए ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ को सौंपे गए और ऑनलाइन पोस्ट किए गए इस शोध में कोई सबूत नहीं मिले कि एजिथ्रोमाइसिन के साथ या उसके बिना हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों के जोखिम को कम करता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) ने इस अध्ययन का वित्त पोषण किया है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) आयुक्त स्टीफन एम हैन ने कहा कि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। 

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