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Coronavirus:रूसी सहायता पर अमेरिका-रूस में ‘शीत-युद्ध’

अमेरिका और रूस में विरोध का एक अलग तरह का मोर्चा खुल गया है। कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका में राहत सामग्री लेकर एक रूसी सैन्य मालवाहक विमान के पहुंचने के बाद यह विरोध का मोर्चा खुला।

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वाशिंगटन: अमेरिका और रूस में विरोध का एक अलग तरह का मोर्चा खुल गया है। कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका में राहत सामग्री लेकर एक रूसी सैन्य मालवाहक विमान के पहुंचने के बाद यह विरोध का मोर्चा खुला। इस विवाद की वजह है कि क्या यह रूस की तरफ से की गई अमेरिकी की सहायता है या फिर अमेरिकी ने इस सहायता के लिये रूस को भुगतान किया है। रूस ने शीत युद्ध के समय के अपने प्रतिद्वंद्वी को इसे संकट के समय की गई सहायता के तौर पर पेश किया। विदेश विभाग ने बुधवार को जोर देकर कहा कि यह एक वाणिज्यिक लेनदेन है और अमेरिका ने इन आपूर्तियों के बदले रूस को भुगतान किया है तथा यह निश्चित रूप से तोहफा नहीं है। 

इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को इस सामान का जिक्र “मदद” के तौर पर किया और कहा कि अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की तरफ से की गई “बेहद अच्छी पेशकश” को स्वीकार किया था। इसके कुछ घंटों बाद विदेश विभाग ने अपने शुरुआती बयान में स्पष्ट किया कि इन सामानों को खरीदा गया है-हालांकि रियायती दर पर। लेकिन इसके बाद एक और पेच सामने आया: यह रियायत मिल सकी क्योंकि यह आपूर्ति रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के जरिये हुई जो एक सरकारी संप्रभु संपदा फंड है जिस पर 2015 से युक्रेन संबंधी गतिविधियों के चलते अमेरिकी प्रतिबंध लगा हुआ है। 

विरोधाभासी बयानों और बेतुकी सफाइयों के बीच इस विमान से किस कीमत पर क्या सामग्री आई इसकी जानकारी तत्काल सामने नहीं आ सकी। रूसी विदेश विभाग ने कहा है कि ये सामान मानवीय सहायता के कदम के तहत भेजा गया है जो रूस की तरफ से उन देशों को भेजा जा रहा है जहां इनकी जरूरत है। रूस सोशल मीडिया पर इस आपर्ति को वैश्विक संकट के समय अपनी उदारता के साक्ष्य के तौर पर “रूसी मदद” के हैशटैग के साथ पोस्ट कर रहा है। उसने बृहस्पतिवार को कहा कि जीवन रक्षक प्रणाली और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों समेत न्यूयॉर्क को भेजी गई आधी आपूर्ति के लिये भुगतान किया गया। इसके बावजूद ट्रंप ने इस सामग्री का स्वागत किया। 

इस हफ्ते ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर वार्ता के बाद यह यहां पहुची। ट्रंप ने कहा, “हम इसे स्वीकार कर रहे हैं। यह राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से दिया गया बहुत अच्छा प्रस्ताव था। मैंने उनसे बात की थी जैसा कि मैने आपको बताया था।” सामान पहुंचने के कुछ समय बाद ही विदेश मंत्रालय ने हालांकि कहा था कि आपूर्ति किये गए सामान के बदले भुगतान किया गया है। 

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