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भारत-पाक के बीच सिंधु जल संधि पर हुई वार्ता, जल्द होगी फिर से बैठक

विश्व बैंक के कहा है कि सिंधु नदी जल संधि को लेकर भारत एवं पाकिस्तान के बीच सद्भावना एवं सहयोग की भावना के साथ वार्ता हुई और दोनों पक्षों ने इस मामले पर वार्ता जारी रखने के लिए यहां सितंबर में फिर से बैठक करने पर सहमति व्यक्त की है।

Indo-Pak talks on Indus Water Treaty will be meeting again- India TV Hindi Indo-Pak talks on Indus Water Treaty will be meeting again

वाशिंगटन: विश्व बैंक के कहा है कि सिंधु नदी जल संधि को लेकर भारत एवं पाकिस्तान के बीच सद्भावना एवं सहयोग की भावना के साथ वार्ता हुई और दोनों पक्षों ने इस मामले पर वार्ता जारी रखने के लिए यहां सितंबर में फिर से बैठक करने पर सहमति व्यक्त की है। विश्व बैंक ने सिंधु नदी जल संधि आईडब्ल्यूटी पर चर्चा के लिए हुई बैठक के बाद जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा, पक्षों ने वाशिंगटन, डीसी में सितंबर में फिर से बैठक करने और वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई है। विश्व बैंक ने कहा कि आईडब्ल्यूटी संबंधी तकनीकी मामलों पर भारत एवं पाकिस्तान के बीच इस सप्ताह हुई सचिव स्तर की वार्ता सद्भावना एवं सहयोग के माहौल में हुई। (अमेरिका में चीनी दूतावास के बाहर गोलीबारी, हमलावर ने खुद को मारी गोली)

हालांकि विश्व बैंक ने और कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इससे पहले विश्व बैंक ने 25 जुलाई को पत्र लिखकर अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना को आासन दिया था कि वह इस मामले में अपनी तटस्थता और निष्पक्षता को बरकरार रखेगा, ताकि सुलह का रास्ता खोजा जा सके। इससे पहले दोनों देशों ने पाकिस्तान में स्थायी सिंधु आयोग पीआईसी की बैठक के दौरान इस वर्ष मार्च में दो परियोजनाओं पर वार्ता की थी। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में स्थित दो पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पिछले साल विश्व बैंक का रुख किया था। यह मांग की गई थी कि 57 वर्ष पुराने जल वितरण समझौते के तहत दोनों देशों के बीच मध्यस्थ विश्व बैंक इन चिंताओं के समाधान के लिए एक मध्यस्थता अदालत का गठन करे।

दूसरी ओर, भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने जो चिंताएं व्यक्त की हैं, वे तकनीकी हैं और इस मामले की जांच के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त किया जाना चाहिए। इसके बाद विश्व बैंक ने नवंबर 2016 में परियोजनाओं के संबंध में दोनों देशों के बीच तकनीकी मतभेदों के समाधान के लिए तटस्थ विशेषग्य नियुक्त करने और मध्यस्थता अदालत के गठन की दो प्रक्रिरुयाएं साथ में शुरू की थीं। भारत के आपत्ति जताने के बाद एक साथ चल रहीं दोनों प्रक्रियाएं बाधित हो गई थीं। इसके बाद, विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने समाधान तलाशने के लिए भारत और पाकिस्तान से अलग-अलग वार्ता की थी।

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