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UNSC में खुला पाकिस्तान का कच्चा चिट्ठा, जानें क्या हुआ बंद कमरे के अंदर; किस देश ने दिया साथ

न्यूयॉर्क में यूएन के हेडक्वार्टर में बंद कमरे के अंदर कश्मीर पर अनौपचिरक बैठक हो रही थी। पाकिस्तान और चीन ने पूरा ज़ोर लगाया था कि कश्मीर पर यूएन दखल दें लेकिन बंद कमरे में जो कुछ हुआ उसने पाकिस्तान के भम्र को चकनाचूर कर दिया।

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नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक बार फिर इंटरनेशनल बेइज़्ज़ती हो गई है। यूनाइडेट नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में भी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन को करारा झटका लगा है। भारत को घेरने का उनका एजेंडा फेल हो गया है। खास बात ये रही कि रूस और फ्रांस समेत यूएन के 15 सदस्यों में ज़्यादातर देशों ने भारत का साथ दिया और इमरान खान की इंटरनेशनल साज़िश फेल कर दी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने जमकर धोया और आतंकवाद पर भी आईना दिखा दिया।

न्यूयॉर्क में यूएन के हेडक्वार्टर में बंद कमरे के अंदर कश्मीर पर अनौपचिरक बैठक हो रही थी। पाकिस्तान और चीन ने पूरा ज़ोर लगाया था कि कश्मीर पर यूएन दखल दें लेकिन बंद कमरे में जो कुछ हुआ उसने पाकिस्तान के भम्र को चकनाचूर कर दिया। जब वो बंद कमरा खुला तो उसी के साथ पाकिस्तान और चीन की पोल भी खुल गई।

मीटिंग में पाकिस्तान ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के फैसले का विरोध किया तो भारत ने कहा कि कश्मीर हिंदुस्तान का अभिन्न अंग है और इससे दूसरे देश का कोई लेना देना नहीं है। वहीं पाकिस्तान की पैरवी करने पहुंचे चीन ने कश्मीर के हालात बेहद चिंताजनक बताए तो रूस भारत के साथ खड़ा हुआ और साफ कह दिया कि कश्मीर मसला भारत-पाकिस्तान बातचीत से ही हल करें।

रूस के बाद फ्रांस ने भी भारत का साथ दिया और फिर इमरान का पाकिस्तान उस बंद कमरे में पानी पानी हो गया क्योंकि सुरक्षा परिषद के कुल 15 देशों में ज़्यादातर देश भारत के रुख के साथ दिखे। हालात ये रहे कि अपने पैरों पर पाकिस्तान के लोटने के बाद जो चीन ज़िद करके कश्मीर के मुद्दे को यूएन तक घसीट ले गया था वहां उसकी भी एक नहीं चली। इस मुद्दे को यूएन में औपचारिक तौर पर उठाने के लिए कम से कम 9 देशों का समर्थन हासिल करना था। पाकिस्तान उससे भी कोसों दूर रह गया।

इतना ही नहीं जिस अमेरिका के दम पर इमरान खान ने अपने सपनों को सुरखाब के पंख लगाए थे उस अमेरिका ने भी कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले इमरान खान ने कश्मीर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को फोन किया। क़रीब 17 मिनट तक इमरान खान और ट्रंप के बीच बात हुई लेकिन अमेरिका ने भी दो टूक कह दिया कि कश्मीर के मुद्दे को दोनों देश राजनयिक और राजनीतिक तरीके के साथ बातचीत से हल करें।

इसके बाद यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन मीडिया से मुखातिब हुए तो बौखलाए पाकिस्तान और उसके बौखलाए हुए पत्रकारों की धज्जियां उड़ा दीं। बेबाक अंदाज़ में अकबरुद्दीन ने पहले तो कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग और अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को उसका आंतरिक मामला बताया और फिर पाकिस्तान को बुरी तरह धो डाला। अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को शिमला समझौते की याद दिला दी। अकबरुद्दीन ने सवालों के जवाब की शुरुआत पाकिस्तान के पत्रकारों से की ताकि उसे आईना दिखाया जा सके। 

अकबरुद्दीन ने दो टूक में दुनिया के सामने कह दिया है कि अगर पाकिस्तान बातचीत चाहता है तो आतंक बंद करना होगा। फिर सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का वो बयान भी दुनिया को याद दिला जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भारत युद्ध करता है तो पाकिस्तान के पास जेहाद के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने दुनिया को साफ संदेश दे दिया कि कश्मीर पर फैसला कश्मीरियों के हित में है और ये भी बता दिया कि अब वहां ज़िंदगी पटरी पर लौटने लगी है।

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