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Hindi News विदेश अमेरिका 'पाकिस्तान अमेरिका को अपना ATM समझता है, मदद के बिना जीना मुश्किल'

'पाकिस्तान अमेरिका को अपना ATM समझता है, मदद के बिना जीना मुश्किल'

अमेरिका के एक प्राइवेट डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर ने कहा है कि पाकिस्तान अमेरिका से असीमित ATM की तरह बर्ताव करता है और देश को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता का अधिकांश हिस्सा सैन्य मद में जाता है।

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वॉशिंगटन: अमेरिका के एक प्राइवेट डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर ने कहा है कि पाकिस्तान अमेरिका से असीमित ATM की तरह बर्ताव करता है और देश को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता का अधिकांश हिस्सा सैन्य मद में जाता है। रेमंड डेविस ने अपनी पुस्तक ‘द कॉन्ट्रैक्टर’ में कहा है कि पाकिस्तान के लिए कितनी भी राशि पर्याप्त नहीं लगती है। अमेरिका से मिल रही आर्थिक सहायता इसके लिए एक नशा बन गई है और इसके बिना यह जी नहीं सकता है।

42 वर्षीय डेविस को 2011 में लाहौर में 2 पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद दोनों देशों में बड़ा राजनयिक संकट गहरा गया था। पाकिस्तान में व्यवस्था किस तरह से काम करती है इसका प्रत्यक्ष अनुभव रखने वाले CIA कॉन्ट्रैक्टर ने लिखा है कि अमेरिका की अधिकांश सहायता पाकिस्तानी सेना को पहुंचती है न कि नागरिकों को। अपनी किताब में पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए डेविस ने लिखा है कि पाकिस्तान की असली सरकार वहां की सेना चलाती है।

डेविस ने लिखा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सामान्य नहीं थे और इसको इस तथ्य ने और बदतर किया कि अधिकांश सहायता पाकिस्तानी सेना के हाथों में जाती है जबकि इसकी अधिकतर आबादी गरीबी में जीती है। अपनी किताब में डेविस ने लिखा है कि पाकिस्तान में असल सत्ता सेना के हाथ में है। उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान को संघीय संसदीय गणराज्य कहा जाता है जिसमें एक राष्ट्रपति होता है जो राष्ट्राध्यक्ष होता है जबकि प्रधानमंत्री सरकार चलाता है, मगर सब जानते हैं कि देश में असल सत्ता सेना के हाथों में है।

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