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भारत को 93 करोड़ डॉलर में 6 AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर बेचेगा अमेरिका

अमेरिका ने भारत को 93 करोड़ डॉलर में छह एएच -64 ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर बेचने के सौदे को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने आज कहा कि इससे अंदरूनी एवं क्षेत्रीय खतरों से मुकाबले की भारत की क्षमता को मजबूती मिलेगी।

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वाशिंगटन: अमेरिका ने भारत को 93 करोड़ डॉलर में छह एएच -64 ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर बेचने के सौदे को मंजूरी दे दी है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने आज कहा कि इससे अंदरूनी एवं क्षेत्रीय खतरों से मुकाबले की भारत की क्षमता को मजबूती मिलेगी। अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर अपने आगे लगे सेंसर की मदद से रात में उड़ान भर सकता है। पेंटागन की डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय के फैसले को लेकर कांग्रेस को सूचित किया। अगर कोई सांसद इसका विरोध नहीं करता है तो बिक्री की प्रक्रिया आगे बढ़ने की उम्मीद है। अटैक हेलीकॉप्टर के अतिरिक्त इस अनुबंध में अग्नि नियंत्रण रडार ‘ हेलफायर लॉन्गबो मिसाइल ’, स्टिंगर ब्लॉक I-92H मिसाइल , रात में नजर रखने में सक्षम नाइट विजन सेंसर एवं जड़त्वीय नौवहन प्रणाली (इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम्स) की बिक्री भी शामिल है। (संरा महासचिव ने ट्रंप-किम के बीच बैठक का किया स्वागत, इसे ‘अहम मील का पत्थर’ बताया )

कांग्रेस को भेजी गयी अपनी अधिसूचना में पेंटागन ने कहा , ‘‘ इससे अंदरूनी एवं क्षेत्रीय खतरों से मुकाबले की भारत की क्षमता को मजबूती मिलेगी। ’’ पेंटागन ने कहा , ‘‘ एएच -64 ई के सहयोग से जमीनी बख्तरबंद खतरों से मुकाबले भारत की रक्षा क्षमता बढ़ेगी और इसका सैन्य बल आधुनिक होगा। ’’ इसके अनुसार , ‘‘ उपकरणों की प्रस्तावित बिक्री एवं सहयोग से क्षेत्र में मूलभूत सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा। ’’ भारत एवं अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा कारोबार वर्ष 2008 से करीब शून्य से 15 अरब डॉलर तक बढ़ा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया , ‘‘ अगले दशक तक सैन्य आधुनिकीकरण पर भारत के अरबों खर्च करने की संभावना है और हम अमेरिकी उद्योग जगत के लिये यह मौका हासिल करने को इच्छुक हैं। ऐसी बिक्रियों से ना सिर्फ हमारे रक्षा सहयोग को समर्थन मिलेगा बल्कि इनसे देश के अंदर नौकरियां भी पैदा होंगी। ’’

हाल के वर्षों में अमेरिका ने सरकारी स्तर पर भारत को सी -17 परिवहन विमान , 155 मिमी लाइट - वेट टोड होवित्जर , यूजीएम -84 एल हारपून मिसाइल , सपोर्ट फॉर सी -130जे सुपर हरक्युलिस विमान और रासायनिक , जैविक , रेडियोलॉजिकल एवं परमाणु (सीबीआरएन) सहयोग उपकरण बेचे हैं।

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