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Hindi News विदेश अमेरिका बाइडन ने चीन को दिया कड़ा संदेश, कहा- 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा अमेरिका'

बाइडन ने चीन को दिया कड़ा संदेश, कहा- 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा अमेरिका'

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग को बता दिया है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा 

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा अमेरिका : बाइडन - India TV Hindi Image Source : AP (FILE) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा अमेरिका : बाइडन 

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग को बता दिया है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा लेकिन ‘‘यह कोई संघर्ष शुरू करने के लिए नहीं है बल्कि दूसरे देशों को ऐसा करने से रोकने के लिए है।’’ गौरतलब है कि चीन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा हैं। 

कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के संयुक्त सत्र को बुधवार रात को पहली बार संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि उन्होंने शी को यह भी बताया कि अमेरिका प्रतिस्पर्धा का स्वागत करता है लेकिन संघर्ष नहीं चाहता। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति शी को बता दिया कि हमारी सेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति बनाई रखेगी जैसा कि हमने यूरोप में नाटो के साथ किया लेकिन यह कोई संघर्ष शुरू करने के लिए नहीं बल्कि संघर्ष रोकने के लिए है।’’ 

बाइडन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति शी को यह भी बताया कि ‘‘हम प्रतिस्पर्धा का स्वागत करते हैं लेकिन टकराव नहीं चाहते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैंने यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि मैं पहले अमेरिकी हितों की रक्षा करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका व्यापार के ‘‘अनुचित’’ तरीकों के खिलाफ खड़ा रहेगा जिससे अमेरिकी कामगारों और उद्योगों में कटौती तथा अमेरिकी प्रौद्योगिकियों तथा बौद्धिक संपदा की चोरी होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शी से यह भी कहा कि अमेरिका मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी जिम्मेदार अमेरिकी राष्ट्रपति ऐसे समय में चुप नहीं बैठ सकता जब मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।’’ अमेरिका और चीन के बीच के रिश्ते अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के आक्रामक सैन्य कदम और हांगकांग तथा शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों समेत कई मुद्दों को लेकर टकराव है। 

इनपुट-भाषा

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