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Hindi News विदेश अमेरिका हम धार्मिक आतंक के अधिक विकराल रूपों को पहचानने में विफल रहे: मुरलीधरन

हम धार्मिक आतंक के अधिक विकराल रूपों को पहचानने में विफल रहे: मुरलीधरन

उन्होंने कहा, "हमने अपने पड़ोस में और अन्य जगहों पर मंदिरों के विनाश, मंदिरों में मूर्तियों को तोड़ने का महिमामंडन, गुरुद्वारा परिसर का अनादर, गुरुद्वारों में सिख तीर्थयात्रियों का नरसंहार, बामयान में बुद्ध प्रतिमाओं और अन्य धार्मिक प्रतिष्ठित स्थलों का विनाश देखा है।’’

We failed to recognize the more pervasive forms of religious terror: Muraleedharan in UN- India TV Hindi Image Source : PTI भारत ने कहा कि वैश्विक समुदाय धार्मिक आतंक के अधिक विकराल रूपों को पहचानने में विफल रहा है।

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक समुदाय हिंदू विरोधी, बौद्ध विरोधी, सिख विरोधी सहित धार्मिक आतंक के अधिक विकराल रूपों को पहचानने में विफल रहा है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'शांति बनाए रखने और शांति कायम रखने: विविधता, राज्य निर्माण और शांति की तलाश' पर उच्चस्तरीय खुली चर्चा में कहा कि इस तरह के आतंक की आलोचना करने के बारे में चयनात्मक होना हमारे लिए खुद खतरा है।”

मुरलीधरन ने कहा, "धार्मिक पहचान के संबंध में, हम देख रहे हैं कि कैसे सदस्य देश धार्मिक आतंक के नए स्वरूप का सामना कर रहे हैं। हालांकि, हमने यहूदी-विरोधी, इस्लामोफोबिया और क्रिस्टियानोफोबिया की निंदा की है, लेकिन हम यह मानने में विफल हैं कि हिंदू विरोधी, बौद्ध विरोधी और सिख विरोधी सहित धार्मिक आतंकवाद के और अधिक विषैले स्वरूप उभर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, "हमने अपने पड़ोस में और अन्य जगहों पर मंदिरों के विनाश, मंदिरों में मूर्तियों को तोड़ने का महिमामंडन, गुरुद्वारा परिसर का अनादर, गुरुद्वारों में सिख तीर्थयात्रियों का नरसंहार, बामयान में बुद्ध प्रतिमाओं और अन्य धार्मिक प्रतिष्ठित स्थलों का विनाश देखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन अत्याचारों और आतंक को स्वीकार करने में हमारी अक्षमता केवल उन ताकतों को प्रोत्साहित करती है कि कुछ धर्मों के खिलाफ आतंक, दूसरों के मुकाबले अधिक स्वीकार्य है। अगर हम ऐसे आतंक की आलोचना करने या उन्हें अनदेखा करने के बारे में चुनिंदा होना चाहते हैं, तो हम अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं।’’

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