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भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए अमेरिका ने अपने इस राजदूत को दिया विशेष जिम्मा, चीन को हुई टेंशन

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कई शहरों का नाम बदलकर चीनी नाम रखने और अरुणाचल पर अपना हक जताने के तुरंत बाद अमेरिका का रुख देखकर ड्रैगन बौखला उठा है। अमेरिका ने सबसे पहले कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। इससे चीन को मिर्ची लग गई।

जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति- India TV Hindi Image Source : AP जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कई शहरों का नाम बदलकर चीनी नाम रखने और अरुणाचल पर अपना हक जताने के तुरंत बाद अमेरिका का रुख देखकर ड्रैगन बौखला उठा है। अमेरिका ने सबसे पहले कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। इससे चीन को मिर्ची लग गई। इसके तत्काल बाद अब अमेरिका ने अपने राजदूत को भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए विशेष जिम्मा सौंपा है। इससे राष्ट्रपति शी जिनपिंग को टेंशन होना शुरू हो गई है।

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी रक्षा तथा आर्थिक मामलें सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ अमेरिका के सहयोग को बढ़ाने के महत्वाकांक्षी प्रयास का नेतृत्व करेंगे। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर गार्सेटी को 24 मार्च को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने यहां एक समारोह के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में आधिकारिक रूप से शपथ दिलाई थी। सीनेट ने पिछले महीने गार्सेटी के नामांकन की पुष्टि की थी। सीनेट ने उनके नामांकन की पुष्टि करते हुए करीब दो साल से खाली पड़े प्रमुख राजनयिक पद को भरने की राह साफ कर दी थी।

अमेरिका ने भारत से संबंधों को दुनिया में बताया अहम

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा, ‘‘ राष्ट्रपति ने कहा है कि जब हम भारत के साथ संबंधों को देखते हैं, तो यह दुनिया में अमेरिका के सबसे अधिक अहम संबंधों में से एक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजदूत गार्सेटी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत के साथ हमारे सहयोग को गहरा करने, हमारे रक्षा सहयोग का विस्तार करने और हमारे आर्थिक एवं लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने के महत्वाकांक्षी प्रयास का नेतृत्व करेंगे।

गार्सेटी को 2021 में ही राजदूत बनाना चाहता था अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सबसे पहले उन्हें जुलाई 2021 में भारत में अमेरिकी राजदूत के पद के लिए नामित किया था। हालांकि, बाइडन के राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे। बाइडन ने इस साल जनवरी में गार्सेटी को दोबारा इस पद के लिए नामित किया था। भारत में अमेरिका के पिछले राजदूत केनेथ जस्टर ने जनवरी 2021 में अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था।

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