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Hindi News विदेश अमेरिका US Spy Satellite: तीसरे विश्व युद्ध के मंडराते खतरों के बीच अमेरिका ने छोड़ा एक और जासूसी उपग्रह, जानें कैसे करेगा निगरानी

US Spy Satellite: तीसरे विश्व युद्ध के मंडराते खतरों के बीच अमेरिका ने छोड़ा एक और जासूसी उपग्रह, जानें कैसे करेगा निगरानी

US Spy Satellite: जिस तरह से विभिन्न देशों के बीच युद्ध चल रहा है और कई देशों के बीच युद्ध जैसे हालात लगातार बने हुए हैं, उसे देखकर तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में कई देशों ने अभी से तीसरे विश्व युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

US Spy Satellite- India TV Hindi Image Source : INDIA TV US Spy Satellite

Highlights

  • अमेरिका के उपग्रह प्रक्षेपण से चीन, उत्तर कोरिया और रूस तनाव में
  • विश्व भर में युद्धक तैयारियों की निगरानी करेगा अमेरिका
  • अमेरिका के सैकड़ों जासूसी उपग्रह आसमान से कर रहे विभिन्न देशों की जासूसी

US Spy Satellite: जिस तरह से विभिन्न देशों के बीच युद्ध चल रहा है और कई देशों के बीच युद्ध जैसे हालात लगातार बने हुए हैं, उसे देखकर तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ती ही जा रही है। कई देशों ने अभी से तीसरे विश्व युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऐसे में सुपर पॉवर अमेरिका ने अंतरिक्ष में अपना एक और जासूसी उपग्रह छोड़कर सबको परेशान कर दिया है। रूस, चीन और उत्तर कोरिया अमेरिका के इस मिशन से सर्वाधिक तनाव में हैं। क्या अमेरिका इस जासूसी उपग्रह से दुनिया के विभिन्न देशों की निगरानी करेगा? वैसे अमेरिका के पास इससे पहले भी कई ऐसे जासूसी उपग्रह हैं, जो विभिन्न देशों की निगरानी लगातार करते रहते हैं।

 हाल ही में अमेरिका के एक ऐसे ही उपग्रह ने समुद्र में उत्तर कोरिया की विनाशक जंग की तैयारी की पोल खोल दी है, जिससे पूरी दुनिया में हलचल मच गई है। अमेरिका ने स्पाई सैटेलाइट के जरिये समुद्र से ली गई तस्वीरों में पानी के भीतर उत्तर कोरिया के खतरनाक मंसूबों और तैयारियों को कैमरे में कैद किया है। जानकारों का कहना है कि अमेरिका तीसरे विश्व युद्ध के खतरों के बीच अपनी निगरानी क्षमता को बढ़ा रहा है। इसलिए अब एक नया जासूसी उपग्रह एनआरओएल-91 को प्रक्षेपित किया है।

कैलिफोर्निया से छोड़ा उपग्रह
अमेरिका ने 24 सितंबर को अपराह्न 3.25 बजे एनआरओएल-91 नामक नए जासूसी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया है। इसे कैलिफोर्निया के सांता बारबरा काउंटी स्थित वेंडेनबर्ग स्पेस फोर्स से प्रक्षेपित किया गया। यूएस राष्ट्रीय टोही कार्यालय के लिए वर्गीकृत इस उपग्रह को शनिवार को यूनाइटेड लांच एलायंस डेल्टा-4 हेवी रॉकेट के जरिये कक्षा में लांच किया गया। यह पश्चिमी तट से डेल्टा-4 का अंतिम प्रक्षेपण था। डेल्टा को ULA की अगली पीढ़ी के वल्कन सेंटर रॉकेटों द्वारा प्रतिस्थापित करने से पहले फ्लोरिडा से अतिरिक्त लांच की योजना बनाई गई है।
 
अमेरिका जासूसी उपग्रह ने भरी 387वीं उड़ान
डेल्टा IV हेवी कॉन्फ़िगरेशन पहली बार दिसंबर 2004 में लांच किया गया था। यह 1960 के बाद से डेल्टा रॉकेट की 387वीं उड़ान थी और वेंडेनबर्ग से 95वीं और अंतिम लांचिंग थी। राष्ट्रीय टोही कार्यालय अमेरिकी जासूसी उपग्रहों के विकास, निर्माण, प्रक्षेपण और रखरखाव की प्रभारी सरकारी एजेंसी है जो नीति निर्माताओं, खुफिया समुदाय और रक्षा विभाग को खुफिया डेटा प्रदान करते हैं। यह दुनिया के विभिन्न देशों की निगरानी करते हुए महत्वपूर्ण गुप्त जानकारियां अमेरिका को मुहैया कराती है।

कैसे काम करते हैं जासूसी उपग्रह
यह ऑप्टिकल इमेज टोही उपग्रह होते हैं। इनमें एक चार्ज कपल्ड डिवाइस(सीसीडी) लगी होती है। इसके जरिये यह सैकड़ों किलोमीटर की ऊंचाई से पृथ्वी के विभिन्न स्थानों की स्पष्ट तस्वीर खींच लेते हैं। अमेरिका के कई उपग्रह इतने अधिक शक्तिशाली हैं कि वह जमीन और पानी के अंदर चल रही गतिविधियों को भी अपने कैमरे में कैद कर लेते हैं।

चीन और उत्तर कोरिया पर पैनी नजर
वैसे तो अमेरिका दुनिया के किसी भी देश की निगरानी अपने जासूसी उपग्रहों से करता रहता है, लेकिन वह इस बार अपने इस उपग्रह से विशेष रूप चीन और उत्तर कोरिया समेत रूस पर पैनी नजर रखेगा। क्योंकि अमेरिका को सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं देशों से है। ताइवान मामले पर जिस तरह से अमेरिका और चीन के बीच वाकयुद्ध चल रहा है, उससे चीन अपने युद्ध की तैयारियों में जुटा है। इसी तरह यूक्रेन पर परमाणु हमले को लेकर रूस भी अपनी तैयारी कर चुका है। उधर उत्तर कोरिया भी खतरनाक हथियारों के ट्रायल में जुटा है। वह जमीन से लेकर समुद्र के भीतर तक जंग की तैयारियां कर रहा है। ऐसे में अमेरिका ने सभी देशों की निगरानी को और तेज करने के मकसद से इस उपग्रह को छोड़ा है।

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