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अमेरिका अब यूक्रेन को भेजेगा कम दूरी की यह खतरनाक मिसाइल, पुतिन हुए आग बबूला

अमेरिका यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में मजबूती से लड़ने के लिए कम दूरी की खतरनाक मिसाइल देने का ऐलान कर दिया है। इससे रूस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिका पर आग बबूला हो गए हैं। अमेरिका के बोइंग द्वारा डिजाइन किए गए रॉकेट में फोल्ड-आउट विंग्स हैं और यह 3 फीट चौड़ाई तक के लक्ष्य को भेद सकता है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली। अमेरिका यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में मजबूती से लड़ने के लिए कम दूरी की खतरनाक मिसाइल देने का ऐलान कर दिया है। इससे रूस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिका पर आग बबूला हो गए हैं। अमेरिका के बोइंग द्वारा डिजाइन किए गए रॉकेट में फोल्ड-आउट विंग्स हैं और यह 3 फीट चौड़ाई तक के लक्ष्य को भेद सकता है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि वाशिंगटन यूक्रेन को मिसाइल भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके जरिये यूक्रेन रूसी कब्जे वाले सभी क्षेत्रों में आसानी से हमला कर सकेगा। इससे रूसी सेना को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है। अमेरिका की इस मिसाइल से कब्जे वाले क्षेत्रों को रूसी सैनिकों को छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ सकता है, अन्यथा उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ सकती है।

 

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दो अधिकारियों ने कहा कि हथियारों की घोषणा इस सप्ताह सैन्य सहायता के नए 2 बिलियन डॉलर पैकेज के रूप में की जाएगी। यह पहली बार होगा जब ग्राउंड लॉन्च्ड स्मॉल डायमीटर बम (जीएलएसडीबी)यूक्रेन को भेजा जाएगा। यह बोइंग द्वारा डिज़ाइन किया गया एक नया हथियार है। सस्ते ग्लाइडिंग मिसाइलों में फोल्ड-आउट पंखों के कारण 93 मील से अधिक यानि करीब 150 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदा जा सकता है। पिछले गर्मियों में भी अमेरिका ने यूक्रेन को 50 मील की दूरी तक मार करने वाला राकेट भेजा था, जिसने गर्मियों में युद्ध का चेहरा बदल दिया था और रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अब अमेरिका के इस नई मिसाइल के भेजे जाने का मतलब यह होगा कि रूसी कब्जे वाले यूक्रेन का हर इंच, क्रीमिया प्रायद्वीप के अलावा, यूक्रेन की सेना की सीमा में होगा, जो मॉस्को को गोला-बारूद और ईंधन भंडारण स्थलों को पुनर्वितरित करने के लिए मजबूर कर सकता है।

जीपीएस निर्देशित बम हैं बेहद खतरनाक
यह काफी छोटे, जीपीएस-निर्देशित बम हैं जो कथित तौर पर 3 फीट चौड़ाई के जितना लक्ष्य मारने में सक्षम हैं। प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रॉकेटों पर फिट किए जाते हैं जिन्हें हिमार, एम270 लांचर और विमान से दागा जा सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सहयोगी मिखिलो पोडोलियाक ने कहा कि लंबी दूरी की मिसाइलों और हमलावर विमानों की आपूर्ति पर भी बातचीत चल रही है। पोडोलीक ने कहा कि युद्ध के हर स्टेज में कुछ हथियारों की जरूरत होती है। वहीं अमेरिका की इस पहल पर रूसी क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि लंबी दूरी के रॉकेटों की आपूर्ति करने से "घटनाओं का क्रम नहीं बदलेगा" लेकिन "तनाव बढ़ेगा", एक प्रतिक्रिया जो अक्सर मास्को द्वारा परमाणु वृद्धि की आशंकाओं को भड़काने के लिए इस्तेमाल की जाती है। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एक हथियार और सुरक्षा विशेषज्ञ टॉम काराको ने कहा कि मौजूदा हथियार स्टॉक के बजाय उद्योग से सीधे जीएलएसडीबी जैसी मिसाइल खरीदना "सस्ती कीमत पर प्राप्त करने के बारे में" था। काराको ने कहा कि अमेरिकी भंडार में कमी चिंताजनक है।

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