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Hindi News विदेश अमेरिका कोरोना को हल्के में लेना पड़ सकता है भारी, अमेरिका में हुई एक रिसर्च में सामने आई हैरान करने देने वाली सच्चाई

कोरोना को हल्के में लेना पड़ सकता है भारी, अमेरिका में हुई एक रिसर्च में सामने आई हैरान करने देने वाली सच्चाई

अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित 30 प्रतिशत लोग ‘‘लॉन्ग कोविड’’ से पीड़ित पाए गए हैं। ‘‘लॉन्ग कोविड’’ ऐसी स्थिति को कहते हैं, जब सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के लक्षण प्रारंभिक चरण के बाद महीनों तक बने रहते हैं। 

Coronavirus- India TV Hindi Image Source : PTI Coronavirus

अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित 30 प्रतिशत लोग ‘‘लॉन्ग कोविड’’ से पीड़ित पाए गए हैं। ‘‘लॉन्ग कोविड’’ ऐसी स्थिति को कहते हैं, जब सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के लक्षण प्रारंभिक चरण के बाद महीनों तक बने रहते हैं। 

अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिलिस के शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च ‘‘बॉडी मास इंडेक्स’’ वाले मरीज जो पहले भी अस्पताल में भर्ती हुए थे या मधुमेह से पीड़ित थे, उनके ‘‘लॉन्ग कोविड’’ से पीड़ित होने की अधिक आशंका थी। यह अध्ययन जर्नल ऑफ जनरल इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। इसमें पाया गया कि जातीय, वृद्धावस्था और सामाजिक आर्थिक दर्जा इस स्थिति से जुड़ा हुआ नहीं था, हालांकि ऐसी विशेषताओं को गंभीर बीमारी और कोविड से मृत्यु के अधिक जोखिम से जोड़ा गया है। 

‘लॉन्ग कोविड’ से पीड़ित 309 लोगों का अध्ययन किया गया और अस्पताल में भर्ती मरीजों में सबसे लगातार लक्षण थकान और सांस की तकलीफ आदि थी जबकि बाहरी मरीजों में गंध महसूस करने में कमी का लक्षण 16 प्रतिशत था। 

विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य विज्ञान के सहायक प्रोफेसर सन यू ने एक बयान में कहा कि एकल स्वास्थ्य प्रणाली में नतीजों का अध्ययन चिकित्सा देखभाल की गुणवत्ता में भिन्नता को कम कर सकता है। शोधकर्ता सर्वाधिक प्रभावी उपचार विकसित करने के लिए जनसांख्यिकी और नैदानिक विशेषताओं के साथ ‘‘लॉन्ग कोविड’’ के जुड़ाव का आकलन करना चाहते थे। 

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