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Hindi News विदेश अमेरिका India in UNSC: यूएन में रूस के खिलाफ अमेरिका लाया प्रस्ताव, भारत ने फिर बनाई दूरी, जानिए पूरी डिटेल

India in UNSC: यूएन में रूस के खिलाफ अमेरिका लाया प्रस्ताव, भारत ने फिर बनाई दूरी, जानिए पूरी डिटेल

India in UNSC: अमेरिका ने रूस से खफा होकर एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव ला दिया। लेकिन भारत ने वोट नहीं किया। वहीं रूस ने इस प्रस्ताव पर फिर वीटो कर दिया। रूस द्वारा यूक्रेन के कब्जाए 4 इलाकों में जनमत संग्रह कराए जाने के बाद से ही अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर भड़के हुए हैं।

India and Russia Relation- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India and Russia Relation

Highlights

  • कई देशों की नाराजगी के बाद भी पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय नियमों को किया दरकिनार
  • युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में इस प्रस्ताव को 10 देशों का समर्थन मिला
  • भारत, चीन, ब्राजील और गैबॉन ने इस प्रस्ताव से बनाए रखी दूरी

India in UNSC: अमेरिका सहित पश्चिमी देश रूस से और ज्यादा चिढ़ गए हैं। क्योंकि रूस ने यूक्रेन के 4 इलाकों पर कब्जा करने और उसे अपने देश में मिलाने के लिए जनमत संग्रह करा लिया। इसी नाराजगी के बीच अमेरिका युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल ‘यूएनएससी‘ में रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आया था। इस प्रस्ताव पर भारत ने एक बार फिर वोट नहीं किया। हमारे देश के अलावा 4 दूसरे देशों ने भी वोटिंग से दूरी बनाए रखी। 10 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, लेकिन रूस ने प्रस्ताव को वीटो कर दिया।

कई देशों की नाराजगी के बाद भी पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय नियमों को किया दरकिनार 

रूस के राष्ट्रपति ने दुनिया के देशों की धमकियों और कार्रवाईयों की परवाह किए बिना यूक्रेन के कब्जाए इलाकों में जनमत संग्रह कराकर उसे अपने देश में शामिल कर लिया। पुतिन के इस कदम से अमेरिका और पश्चिमी देश भड़क गए। लेकिन पुतिन ने परवाह किए बिना ये कदम उठाकर सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों को दरकिनार कर दिया है। 

व्लादिमीर पुतिन के फैसले पर अमेरिका युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आया। इस प्रस्ताव में अमेरिका के साथ अल्बानिया भी शामिल रहा। इस प्रस्ताव को 10 देशों का समर्थन मिला। वहीं भारत, चीन, ब्राजील और गैबॉन ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाए रखी और अपना वोट नहीं किया। हालांकि अंत में रूस ने अपने वीटो पावर का उपयोग करते हुए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। क्योंकि रूस यूएन के पांच स्थाई देशों में शामिल है। यूएन के नियमों के अनुसार किसी भी प्रस्ताव को लाने पर यदि इन पांच स्थाई शक्ति प्राप्त देशों में से किसी भी एक ने वीटो कर दिया तो वह प्रस्ताव खारिज हो जाता है।

रूस से क्यों खफा हैं पश्चिमी देश

रूस ने इतने दिनों तक चले युद्ध के बाद यूक्रेन के 4 इलाकों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया और खेरसॉन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद हाल ही में रूस ने इन्हें अपने देश में मिला लिया है। रूस ने पश्चिमी देशों को यह धमकी भी दी है कि अगर अब इन इलाकों पर हमला करने की कोशिश की तो रूस पूरी ताकत से इसका जवाब देगा।

यूक्रेन के 4 इलाकों में रूस ने कराया था जनमत संग्रह

दरअसल, हाल ही में रूस ने पश्चिमी देशों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यूक्रेनी क्षेत्रों को अपने देश में शामिल करने के बाद वह अपनी सीमा की रक्षा करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग भी कर सकता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को कहा था कि मतदान के बाद ‘कानूनी नजरिए से और अंतरराष्ट्रीय कानून की नजर से हालात में बेहद जरूरी बदलाव होंगे और आगे जो कुछ भी होगा वह इन क्षेत्रों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से होगा।‘ यूक्रेन के खेरसोन, जापोरिज्जिया, लुहांसक और दोनेत्स्क में जनमत संग्रह कराया गया था। 

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