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Hindi News विदेश अमेरिका सऊदी अरब और इजराइल कायम करेंगे दोस्ती की नई मिसाल, नेतन्याहू ने यूएन में दिया बड़ा बयान

सऊदी अरब और इजराइल कायम करेंगे दोस्ती की नई मिसाल, नेतन्याहू ने यूएन में दिया बड़ा बयान

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इजराइल और सऊदी अरब मिलकर दोस्ती की ऐतिहासिक दहलीज पर पहुंचने वाले हैं। बेंजामिन ने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती पश्चिम एशिया में नए समीकरण बनाएगी।

नेतन्याहू ने यूएन में दिया बड़ा बयान- India TV Hindi Image Source : PTI नेतन्याहू ने यूएन में दिया बड़ा बयान

UNGA: इजराइल और और सऊदी अरब के बीच करीबी बढ़ती जा रही है। इसी बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र में सऊदी अरब से दोस्ती को लेकर बड़ा बयान दिया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा है कि उनका देश सऊदी अरब के साथ शांति संधि की एतिहासिक उपलब्धि की ‘दहलीज’ पर है।

नए पश्चिमी एशिया की लिखी जाएगी इबारत

नेतान्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘इजराइल और सऊदी अरब के बीच शांति से वाकई नये ‘पश्चिम एशिया’ का निर्माण होगा।’ अमेरिका एक ऐसा करार कराने के लिए प्रयासरत है, जिसमें सऊदी अरब इजराइल के साथ अपना संबंध सामान्य बना लेगा और उसके बदले में उसे अमेरिका से एक रक्षा समझौता एवं असैन्य परमाणु कार्यक्रम के विकास में मदद मिलेगी। साथ ही फलस्तीनी के निर्माण की ओर प्रगति होगी। सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने इस सप्ताह फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में कहा था कि दोनों पक्ष करार के करीब पहुंच गये हैं। लेकिन ऐसे किसी भी करार की राह फलस्तीन बड़ी रुकावट होगी। 

इजराइल से दोस्ती बढ़ाने के लिए अमेरिका ने सऊदी अरब को दिया ये ऑफर

इधर, सऊदी अरब अमेरिका के साथ एक एग्रीमेंट पर चर्चा कर रहा है। जिसमें अमेरिका रक्षा समझौते और नागरिक परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने में सऊदी अरब की मदद करेगा। इसके बदले में सऊदी अरब इजरायल से संबंध सामान्य बनाएगा। अमेरिका ने सऊदी अरब को यह ऑफर दिया है कि अगर वह इजरायल के साथ संबंध बेहतर बनाता है तो वह रियाद के साथ जापान और दक्षिण कोरिया जैसा सैन्य समझौता करेगा।

बता दें कि सऊदी अरब और इजरायल दोनों लंबे समय से ईरान के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, लेकिन मार्च में रियाद और तेहरान के राजनयिक संबंधों को बहाल करने पर सहमति के बाद से संबंधों में सुधार हुआ है। तेहरान ने परमाणु हथियार की मांग से इनकार किया है, लेकिन वह वर्षों से अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेह के केंद्र में है।

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