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Hindi News विदेश अमेरिका टाइटैनिक का मलबा दिखाने गई लापता सबमरीन का चल गया पता! पानी के अंदर से आई आवाज

टाइटैनिक का मलबा दिखाने गई लापता सबमरीन का चल गया पता! पानी के अंदर से आई आवाज

कनाडा की सेना के अनुसार, उसने एक गश्ती विमान और दो जहाज प्रदान किए, जिनमें से एक गोता लगाने वाली ‘डाइविंग मेडिसिन’ में माहिर है।

टाइटैनिक का मलबा दिखाने गई लापता सबमरीन का चल गया पता! पानी के अंदर से आई आवाज- India TV Hindi Image Source : FILE टाइटैनिक का मलबा दिखाने गई लापता सबमरीन का चल गया पता! पानी के अंदर से आई आवाज

Submarine Lost: ऐतिहासिक जहाज टाइटैनिक का मलबा पर्यटकों को दिखाने ​के लिए ले जा रही टूरिस्ट सबमरीन अभी भी लापता है। यहां तक कि गुरुवार सुबह तक उसमें बची आक्सीजन खत्म होने की आशंका है। इसी बीच कनाडा के एक विमान ने पानी के भीतर से सबमरीन 'सबमर्सिबल' की आवाज सुनने का दावा किया है। अमेरिकी तटरक्षक बल ने यह जानकारी दी। लापता ‘सबमर्सिबल’ में पांच लोग सवार हैं। ये लोग एक सदी से भी अधिक समय पहले डूबे जहाज ‘टाइटैनिक’ के मलबे का डॉक्यूमेंटेशन करने के अभियान पर निकले थे। 

गुरुवार सुबह तक खत्म हो जाएगी आक्सीजन

अमेरिकी तटरक्षक बल के अनुसार, कनाडा के पी-3 विमान द्वारा आवाज का पता लगाने के बाद खोज अभियान के स्थान में तब्दीली की गई है। बचाव कर्मियों को अभी तक कुछ नहीं मिला, लेकिन तलाश अभियान जारी है। बचावकर्मी तेजी से अभियान चला रहे हैं क्योंकि जहाज में गुरुवार सुबह तक ऑक्सीजन खत्म होने की आशंका है। 

‘यूएस एयर मोबिलिटी कमांड’ के एक प्रवक्ता ने बताया कि बफेलो, न्यूयॉर्क, सेंट जॉन्स, न्यूफ़ाउंडलैंड से कमर्शियल पनडुब्बी और सहायक उपकरणों को ले जाने में मदद के लिए अमेरिकी सेना के तीन सी-17 परिवहन विमानों को तैनात किया गया है। कनाडा की सेना के अनुसार, उसने एक गश्ती विमान और दो जहाज प्रदान किए, जिनमें से एक गोता लगाने वाली ‘डाइविंग मेडिसिन’ में माहिर है। उसने टाइटन की किसी भी आवाज़ को सुनने के लिए ‘सोनार प्लव’ को भी भेजा। 

‘डाइविंग मेडिसिन’ से तात्पर्य पानी के भीतर के वातावरण में प्रवेश करने वाले लोगों के समक्ष पेश होने वाली परेशानियों का दूर करने व चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने से है। कार्बन-फाइबर ‘सबमर्सिबल पनडुब्बी’ का नाम ‘टाइटन’ है, जो ‘ओशनगेट एक्सपेडिशंस’ के एक अभियान का हिस्सा है। 

कंपनी की ओर से किया जाता है पनडुब्बी को ऑपरेट

गौरतलब है कि इस पनडुब्‍बी को ओशिनगेट एक्‍पीडिशंस की तरफ से ऑपरेट किया जाता है। यह कंपनी गहरे समंदर में अभियान आयोजित करने का काम करती है।  टाइटैनिक जहाज सन् 1912 में ग्‍लेशियर से टकराने के बाद डूब गया था। टाइटैनिक जहाज के मलबे को लेकर पर्यटकों में खासी उत्‍सुकता रहती है। वो इसके लिए पेमेंट तक करते हैं और फिर एक छोटी पनडुब्‍बी की मदद से इसके मलबे तक पहुंचते हैं। 

1912 में डूब गया था टाइटैनिक

1912 में डूबे इस ऐतिहासिक टाइटैनिक जहाज का कनाडा के न्‍यूफाउंडलैंड में उत्‍तरी अटलांटिक के तली पर मलबा पड़ा हुआ है। पनडुब्‍बी पर एक पायलट और चार मिशन स्‍पेशलिस्‍ट्स सवार थे।टाइटैनिक पर सवार 2200 लोगों में से करीब 1500 लोगों की मौत हो गई। जहाज साउथहैम्‍पटन से न्यूयॉर्क तक अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुआ था। ग्‍लेशियर से टकराने के बाद यह दो टुकड़ों में बंट गया और डूब गया था। पनडुब्‍बी केप कोड के पूर्व में 900 मील दूर थी जब इसका संपर्क टूटा। इस टाइटैनिक जहाज के डूबने पर एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म के कारण टाइटैनिक के डूबने की कहानी बाद की जनरेशन को भी पता चली। 

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