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अमेरिका और चीन के रिश्तों की पिघलेगी बर्फ? चीनी विदेश मंत्री जा रहे अमेरिकी दौरे पर

चीन के विदेश मंत्री वांग यी अमेरिका के दौरे पर वॉशिंगटन जा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका और चीन के रिश्तों की बर्फ पिघलेगी? दोनों देशों के बीच कई बड़े मसले हैं, जिस पर दोनों आमने सामने हैं।

 अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं चीनी विदेश मंत्री।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं चीनी विदेश मंत्री।

America News: अमेरिका और चीन के बीच तनातनी जगजाहिर है। इजराइल और हमास के मुद्दे पर अलग अलग राय और इसके साथ ही ताइवान मुद्दे पर चीन और अमेरिका आमने सामने हैं? दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी और रूस व यूक्रेन जंग में परोक्ष रूप से रूस का साथ ये सभी बातें एक दूसरे को दुश्मन की कैटेगरी में रखती हैं। इसी साल चीन के जासूसी गुब्बारे को पेंटागन ने मार गिराया था, इसके बाद दोनों देशों ने एकदूसरे को जी भरकर कोसा था। ऐसी तनातनी के बीच चीन के विदेश मंत्री वॉशिंगटन की यात्रा पर जा रहे हैं। उम्मीद है दोनों देशों के बीच रिश्तों की बर्फ कुछ हद तक पिघलती नजर आए।

पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी दो संघर्षों के बीच अमेरिका को इस सप्ताह चीन के शीर्ष राजनयिक की वाशिंगटन यात्रा से चीन के साथ कई मुद्दों पर सहमति बनाने का एक छोटा-सा कदम आगे बढ़ाने की उम्मीद है। गुरुवार से शुरू हो रही तीन दिवसीय बैठकों के दौरान संभवत: राष्ट्रपति जो बाइडन समेत उनके प्रशासन के अधिकारी चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष इस बात पर जोर देंगे कि अगर चीन एक प्रमुख जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनना चाहता है तो वह वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका बढ़ाए।

चीनी विदेश मंत्री की यात्रा से बाइडेन और जिनपिंग की बैठक का खाका होगा तैयार!

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान दोनों के चीन से इजराइल-हमास और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में सार्थक भूमिका निभाने का अनुरोध करने की संभावना है। ये बैठकें अगले महीने सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग फोरम के नेताओं की बैठक के इतर राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक शिखर वार्ता का मंच तैयार कर सकती हैं। अमेरिका, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का समर्थन करने और पश्चिम एशिया में चुप्पी साधने को लेकर चीन से निराश है। 

इन मुद्दों को लेकर है टकराव

इसके अलावा दुनिया के दो सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों के बीच मानवाधिकार, जलवायु परिवर्तन, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और उत्तर कोरिया जैसे मुद्दों को लेकर भी टकराव है। इसके बावजूद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से बात करने की इच्छा जतायी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वांग कई मुद्दों पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ ‘विचारों का गहन आदान-प्रदान करेंगे’ और दोनों देशों के बीच संबंधों पर ‘चीन की सैद्धांतिक स्थिति और वैध चिंताओं के बारे में बताएंगे।’

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