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Hindi News हेल्थ आखिर क्या है सेल्फ आइसोलेशन जिसके चलते घरों में कैद हो गए बड़े सेलेब्रिटी, क्यों जरूरी है

आखिर क्या है सेल्फ आइसोलेशन जिसके चलते घरों में कैद हो गए बड़े सेलेब्रिटी, क्यों जरूरी है

कोरोना वायरस बीमारी के कारण एक बार फिर होम क्वारंटाइन के नाम की चर्चा तेजी से हो रही हैं। कोरोना के डर से सेलेब्रिटी तक इस विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं। जानें इसके बारे में विस्तार से।

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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हर कोई सतर्कता बरत रहा है। आम जनता ही नहीं बल्कि बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड सेलिब्रेटी भी फैंस से कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने की अपील कर रहे हैं। हाल में ही अमिताभ बच्चन ने अपने हाथ की एक तस्वीर शेयर की थी। जिसमें उनके हाथ में होम क्वारंटाइन की मुहर लगाए हुए नजर आ रहे थे। ये सेल्फ आइसोलशन का चिह्न है जिसके तहत व्यक्ति एहतियात के तौर पर खुद को घर में बंद कर लेता है।  

अमिताभ बच्चन ही नहीं दिलीप कुमार, आलिया भट्ट, अर्जुन कपूर,प्रियंका चोपडा, अनूप जलोटा, मिमी चक्रवर्ती,, कटरीना कैफ जैसे कई स्टार्स इस लिस्ट में शामिल है। ऐसे में हर किसी के दिमाग में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सेल्फ आइसोलेशन क्या बला है?

आपतो बता दें कि होम क्वारंटाइन जिसे कई लोग सेल्फ आइसोलेशन के नाम से भी जानते हैं। यह एक मेडिकल का टर्म है। इस प्रकिया में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण को रोका जाता है। 
 
होम क्वारंटाइन का मतलब है कि अपने ही घर पर खुद को परिवार के दूसरे सदस्यों से अलग कर लेना। जिससे कि किसी दूसरे को संक्रमण न फैले। कोरोना वायरस बीमारी के कारण एक बार फिर  होम क्वारंटाइन के नाम की चर्चा तेजी से हो रही हैं। भारत ही नहीं दुनियाभर के डॉक्टर इस विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं। इतना ही नहीं भारत सरकार से  होम क्वारंटाइन को लेकर कई दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। आप भी जानें आखिर क्या है  होम क्वारंटाइन?

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क्या है  होम क्वारंटाइन?
क्वारंटाइन के सही अर्थ को शब्दकोष में देखें तो इसका मतलब होता है कि किसी हॉस्पिटल में एक अलग कमरा, किनारे पर आने-जाने से रोकना, संगरोध है। वहीं लैटिन भाषा में 'क्वारंटीन' का अर्थ होता है- चालीस दिन का टाइम। 

दरअसल पहले के जमाने में तकनीक का इतना अधिक विकास नहीं था जिसके कारण जहाजों में संक्रमण को रोकने के लिए इस विधि का इस्तेमाल किया जाता था। 

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क्या  होम क्वारंटाइन से कोरोना वायरस को रोकना संभव? 
इस बारे में कई एक्सपर्ट का कहना है कि इस विधि से काफी हद तक कोरोना वायरस को रोका जा सकता है। अगर आपको जरा सी भी शंका हो तो घर पर 14 दिन का  होम क्वारंटाइन अपना सकते है। अगर इन 14 दिनों के अंदर आप ठीक हो जाते है तो आप एक फिर आम जिंदगी जी सकते है। 

क्या है  होम क्वारंटाइन की विधि?
आपने यह बात तो जान लें कि आखिर  होम क्वारंटाइन कारगार है कि नहीं लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि  होम क्वारंटाइन को किस तरीके से करके इस वायरस से बचा जा सकता है। 

  • एक ऐसे कमरे का चुनाव करें। जो हवादार होने के साथ-साथ बाथरूम के साथ अन्य सुविधा हो। 
  • संक्रमित व्यक्ति के अलावा उस रूम में हर किसी को आने की पाबंदी हो। 
  • अगर किसी कारणवश किसी व्यक्ति को आना पड़ रहा है तो कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें। 
  • कोरोना वायरस से संक्रमित या संदिग्ध व्यक्ति 14 दिनों तक किसी सार्वजनिक जगह पर न जाए। 
  • अपने हाथों को सैनिटाइजर या फिर साबुन से साफ करते रहें। 
  • घर में मौजूद कपड़े, तौलिया, बर्तन आदि को ने छुएं। 
  • सर्जिकल मास्क पहें। इसके साथ ही हर 6-7 घंटे में इसे बदलकर अच्छी तरह से निस्तारण करें। 

घर में मौजूद अन्य सदस्य ध्यान रखें ये बातें

  • अगर में मौजूद हर व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की देखभाल न करें। बल्कि उनमें से कोई एक ही व्यक्ति करें। 
  • घर की सफाई दस्ताने पहनकर करें। उतारने के बाद उन्हें बंद डस्टबिन में फेंककर साबुन से हाथ धोएं। 
  • संक्रमित व्यक्ति के रूम की टॉयलेट रोजाना ब्लीच से साफ करें। 
  •  होम क्वारंटाइन व्यक्ति के रूम की सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसके लिए रूम के साथ-साथ वहां मौजूद हर एक चीज को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से साफ करें।

कौन लोग जाए होम क्वारंटाइन में?
सेल्फ आइसोलेशन में ऐसे व्यक्ति को जाना चाहिए जिसनें वायरस इंफेक्शन हो। उस व्यक्ति को खुद को एक कमरे में 14 दिन के लिए रहना चाहिए। जिससे कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। कई बार इसके लक्षण 10-14 दिन में नजर आते है। इस दौरान अगर आपने लापरवाही बरती तो संक्रमण बढ़ सकता है। 

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