A
Hindi News हेल्थ प्यूरिन पचाने में मददगार हैं ये सब्जियां, आधी तो आपको इस मौसम में ही मिल जाएंगी

प्यूरिन पचाने में मददगार हैं ये सब्जियां, आधी तो आपको इस मौसम में ही मिल जाएंगी

यूरिक एसिड में सब्जियां: यूरिक एसिड का बढ़ना, गाउट की समस्या का कारण बनता है। ऐसे में इन सब्जियों का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

cucumber_benefits- India TV Hindi Image Source : FREEPIK cucumber_benefits

यूरिक एसिड में सब्जियां: यूरिक एसिड का बढ़ना एक ऐसी समस्या है जिसमें शरीर में अलग-अलग हड्डियों में प्यूरिन जमा होने लगता है। ये गाउट की समस्या का कारण बनने लगता है। ऐसे में कोशिश करें कि यूरिक एसिड में कुछ सब्जियां खाना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। इन सब्जियों की खास बात ये है कि इनमें पानी के साथ फाइबर की भी अच्छी मात्रा है और ये सब्जियां इस मौसम में आसानी से मिल सकती हैं। तो, जानते हैं यूरिक एसिड को कम करने वाली इन सब्जियों के बारे में।

प्यूरिन पचाने वाली सब्जियां-Vegetables to eat in uric acid in hindi

1. कद्दू-Pumpkin

कद्दू विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा कद्दू का फाइबर मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है और प्यूरिन पचाने में मददगार है। 

World Asthma Day पर जानें लंग्स और रेस्पिरेटरी ट्रैक को हेल्दी रखने के उपाय, स्वामी रामदेव से

2. खीरा-Cucumber

खीरा नियमित रूप से आपके शरीर से प्यूरिन को फ्लश ऑउट करने में मदद करता है। ये आपके खून से यौगिकों को बाहर निकालने में मदद करके आपके शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। खीरा गुर्दे की छोटी पथरी को घोलने में भी मदद कर सकता है, साथ ही आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों से छुटकारा भी दिला सकता है।

3. परवल-Parwal 

परवल पानी से भरपूर एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन आपके लिए फायदेमंद है। ये पहले तो शरीर में प्यूरिन मेटाबोलिज्म को तेज करता है और दूसरा ये यूरिक एसिड की समस्या को कम करने में मददगार है। तो, शरीर को हेल्दी रखने के लिए परवल खाएं। 

World Asthma Day 2023: इस मौसम में सबसे ज्यादा होता है अस्थमा का खतरा, खुद एक्सपर्ट ने बताया कैसे करें बचाव

4. मूली-Raddish

मूली खाना, यूरिक एसिड की समस्या को कम करने में मददगार हो सकता है। दरअसल, मूली के कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड ऑक्सलेट पत्थरों को कम करके, प्यूरिन को जमा होने से रोकते हैं और इसे फ्लश ऑउट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये एंटीइंफ्लेमेटी भी है जो कि सेहत के लिहाज से कई प्रकार से फायदेमंद है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए हैकिसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

Latest Health News