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Hindi News हेल्थ Side Effects Of Watermelon: ज्यादा तरबूज खाने पर हो सकते हैं ये नुकसान, ये लोग रहें दूर

Side Effects Of Watermelon: ज्यादा तरबूज खाने पर हो सकते हैं ये नुकसान, ये लोग रहें दूर

गर्मी के चलते लोग अक्सर ठंडी चीजों की ओर खींचे चले जाते हैं। ठंडा तरबूज खान से शरीर में कई तरह की बीमारियां घर कर सकती हैं। खासतौर पर डायबिटीज वाले लोगों को तरबूज का सवेन सोच-विचार के बाद ही करना चाहिए।

Side Effects Of Watermelon- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Side Effects Of Watermelon

Highlights

  • डायबिटीज में तरबूज का सेवन करना होता है हानिकारक
  • डायबिटीज के मरीज तरबूज से बनाए रखें दूरी

Side Effects Of Watermelon: गर्मी का सीज़न आते ही जगह-जगह तरबूज नजर आने लगते हैं। लोग इस फल को गर्मी में खाना बेहद पसंद करते हैं । तरबूज एक ऐसा फल है जो शरीर के अंदर पानी की कमी को पूरा करता है। तरबूज में 92% पानी होता है, इसलिए ये गर्मियों में हाइड्रेट रहने के लिए सबसे अच्छा फल माना जाता है। पानी के अलावा तरबूज में ढेर सारे विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को हेल्दी रखते हैं। 100 ग्राम तरबूज में लगभग 30 कैलोरीज, 0.6 ग्राम प्रोटीन, 7.6 ग्राम कार्ब्स, 0.2 ग्राम फैट और 0.4 ग्राम फाइबर होता है। 

पानी, फाइबर और कार्ब्स के कारण ही तरबूज खाकर आपका पेट आसानी से भर जाता है और आपको भूख कम लगती है। लेकिन इतने सारे फायदों के बाद भी जरूरत से ज्यादा तरबूज और सही तरह से तरबूज का सेवन ना करने पर यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। 

ग्लूकोज लेवल

तरबूज में अधिक मात्रा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। यही कारण है कि तरबूज का ज्यादा सेवन करने से शरीर में ग्लूकोज लेवल में इजाफा हो सकता है। मधुमेह रोगियों को तो तरबूज का सेवन नियंत्रित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है।

डायबिटीज में तरबूज का सेवन करें कम

गर्मी के चलते लोग अक्सर ठंडी चीजों की ओर खींचे चले जाते हैं। तरबूज में मौजूद प्राकृतिक शुगर खून में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। साथ ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, ऐसे में तरबूज का सेवन करना डायबिटीज के मरीजों के लिए सही नहीं है।

पाचन संबंधी समस्या

जरूरत से ज्यादा हर चीज नुकसान देती है। डाइटरी फाइबर का ज्यादा सेवन करने से पेट से संबंधित कई समस्याओं से सामना हो सकता है। इन समस्याओं में गैस, पेट फूलना और डायरिया जैसी समस्याएं शामिल होती हैं।   

कार्डियोवस्क्यूलर

ज्यादा तरबूत खाने से शरीर में पोटैशियम की मात्रा बढ़ सकती हैं। पोटैशियम  की अत्यधिक मात्रा कार्डियोवस्यक्यूलर से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ावा देती है। जो दिल की अनियमित धड़कनें या कमजोर पल्स का कारण बन सकती है। 

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