A
Hindi News हेल्थ सुबह उठने के बाद दिखने वाले ये गंभीर लक्षण हो सकते हैं Morning Anxiety के संकेत

सुबह उठने के बाद दिखने वाले ये गंभीर लक्षण हो सकते हैं Morning Anxiety के संकेत

क्या आपके दिन की शुरुआत अक्सर नकारात्मक विचारों और चिंता से होती है? अगर हाँ, तो आप मॉर्निंग एंग्जायटी के शिकार हो सकते हैं।

मॉर्निंग एंग्जायटी- India TV Hindi Image Source : AI मॉर्निंग एंग्जायटी

क्या आप सुबह उठते ही बेचैनी, घबराहट या तनाव महसूस करते हैं? क्या आपके दिन की शुरुआत अक्सर नकारात्मक विचारों और चिंता से होती है? अगर हाँ, तो आप मॉर्निंग एंग्जायटी (Morning Anxiety) के शिकार हो सकते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ व्यक्ति सुबह उठने के तुरंत बाद अत्यधिक चिंता और तनाव का अनुभव करता है। यह सिर्फ सुबह उठने की आलस या खराब मूड नहीं है, बल्कि इसके कुछ विशिष्ट लक्षण होते हैं जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन से गंभीर लक्षण हैं, जो मॉर्निंग एंग्जायटी की ओर इशारा करते हैं:

  • तेज़ दिल की धड़कन और घबराहट: सुबह उठते ही अगर आपकी दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं और आपको बेवजह की घबराहट महसूस होती है, तो यह एंग्जायटी का एक बड़ा संकेत है। कई बार ऐसा लगता है जैसे कोई अनहोनी होने वाली है, जबकि असल में ऐसी कोई वजह नहीं होती।

  • बेचैनी और हाथ-पैरों में कंपन: सुबह उठते ही अगर आपको बेचैनी महसूस होती है और हाथ-पैर कांपने लगते हैं, तो यह गंभीर एंग्जायटी का संकेत है। यह शारीरिक रूप से आपको थका हुआ और ऊर्जाहीन महसूस करा सकता है।

  • नकारात्मक विचार: मॉर्निंग एंग्जायटी से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर सुबह उठते ही नकारात्मक विचारों से घिर जाते हैं। उन्हें भविष्य की चिंता, दिनभर के कामों का अत्यधिक दबाव और हर छोटी बात को लेकर ओवरथिंकिंग की आदत हो जाती है। यह मानसिक रूप से आपको थका देता है और दिन की शुरुआत को बोझिल बना देता है।

  • सिरदर्द और मांसपेशियों में तनाव: सुबह उठने पर लगातार सिरदर्द और गर्दन या कंधों की मांसपेशियों में तनाव महसूस होना भी एंग्जायटी का लक्षण हो सकता है। तनाव की वजह से मांसपेशियां खिंच जाती हैं, जिससे दर्द और असहजता होती है।

मॉर्निंग एंग्जायटी को कैसे करें कंट्रोल?

यदि आप इनमें से कई लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो अपनी नींद की आदतों में सुधार करें। सुबह ध्यान या गहरी सांस लेने के अभ्यास करें। नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। कैफीन और चीनी का सेवन कम करें। यदि लक्षण गंभीर हैं और आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा होगा। वे आपको सही निदान और उपचार योजना प्रदान कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

Latest Health News