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फिर बढ़ सकती है भारत-चीन के बीच तकरार, ड्रैगन उठाने जा रहा यह कदम

लद्दाख में LAC के पास चले सीमा विवाद और तनातनी के बाद सीमा पर सैनिक कम करके चीन, भारत के साथ दोस्ती की बातें कर रहा है लेकिन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। तनातनी के बाद चीन भारत को एक और झटका देने की तौयारी कर रहा है।

China gives green light for first downstream dams on Brahmaputra latest news- India TV Hindi Image Source : INDIA TV तनातनी के बाद चीन भारत को एक और झटका देने की तौयारी कर रहा है।

नई दिल्ली: लद्दाख में LAC के पास चले सीमा विवाद और तनातनी के बाद सीमा पर सैनिक कम करके चीन, भारत के साथ दोस्ती की बातें कर रहा है लेकिन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। तनातनी के बाद चीन भारत को एक और झटका देने की तौयारी कर रहा है।  खबर है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विवादास्पद जलविद्युत परियोजना का निर्माण शुरू करने की योजना बना रहा है। सोमवार को मीडिया में आई खबरों के मुताबिक तिब्बत कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शी चिनफिंग सरकार से ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद जल विद्युत परियोजना का निर्माण जल्द शुरू करने की मांग की है।

चीन की इस हरकत से लद्दाख में तनावपूर्ण गतिरोध के लगभग एक वर्ष के बाद दोनों पक्षों के बीच सामान्य हो रहे संबंधों में फिर से कड़वाहट आ सकती है। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन शी डल्हा ने चीन के संसदीय प्रतिनिधिमंडल से परियोजना के लिए पर्यावरणीय प्रभाव का जल्द से जल्द आकलन पूरा करने का अनुरोध किया है। 

साथ ही उन्होंने कहा है कि तिब्बत को इसी वर्ष निर्माण शुरू करने का प्रयास करना चाहिए। तिब्बत में सांग्पो के नाम पहचानी जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा विशालकाय जलविद्युत परियोजना के प्रस्तावित निर्माण से भारत चिंतित है।

भारत को डर है कि चीन के नए प्रोजेक्ट से ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव में खलल पड़ सकता है, और उसमें पानी की कमी हो सकती है। यहां तक ​​कि बाढ़ भी आ सकती है। इस जलविद्युत परियोजना को पिछले सप्ताह चीन की नई पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया था। 

चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक नदी पर जलविद्युत परियोजना का निर्माण करके 60 गीगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। ऐसा होने पर यह थ्री गोर्ज डैम को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बन जाएगा। 

बता दें कि ब्रह्मपुत्र भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे लंबी नदी है। यदि इसे देशों के आधार पर विभाजित करें तो तिब्बत में इसकी लंबाई सोलह सौ पच्चीस किलोमीटर है, भारत में नौ सौ अठारह किलोमीटर और बांग्लादेश में तीन सौ तिरसठ किलोमीटर लंबी है।

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