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Hindi News भारत राष्ट्रीय किसानों का धरना 37वें दिन भी जारी, संयुक्त किसान मोर्चे की दोपहर दो बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक

किसानों का धरना 37वें दिन भी जारी, संयुक्त किसान मोर्चे की दोपहर दो बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक

दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

किसानों का धरना 37वें दिन भी जारी, संयुक्त किसान मोर्चे की दोपहर दो बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक- India TV Hindi Image Source : PTI किसानों का धरना 37वें दिन भी जारी, संयुक्त किसान मोर्चे की दोपहर दो बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक

नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।  सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई। 

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प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। हाड़ कंपाने वाली ठंड में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले एक महीने से केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है जहां सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। 

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आपको बता दें पिछले साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है। उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी। सरकार लगातार कह रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली बनी रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है। 

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