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Hindi News भारत राष्ट्रीय LAC पर भारतीय जवानों की चीनी सेना से झड़प, बुरी तरह पिटने के बाद पीछे हटी PLA, कई चीनी सैनिक घायल

LAC पर भारतीय जवानों की चीनी सेना से झड़प, बुरी तरह पिटने के बाद पीछे हटी PLA, कई चीनी सैनिक घायल

सूत्रों ने बताया कि तीन दिन पहले हुई इस घटना में भारतीय जवानों ने चीनी PLA के सैनिकों की बुरी तरह से पिटाई की है। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 से ज्यादा चीनी सैनिक घायल हो गए हैं।

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नई दिल्ली. LAC से बड़ी खबर है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, सिक्किम के नाकु ला में घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को भारतीय जवानों ने सबक सिखाया है। सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते हुई इस घटना में भारतीय जवानों ने चीनी PLA के सैनिकों की बुरी तरह से पिटाई की है। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक घायल हो गए हैं। भारतीय जवानों के हाथों बुरी तरह से पिटने के बाद चीन के सैनिक पीछे हटने को मजबूर हुए हैं।

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इस घटना में कुछ भारतीय सैनिक मामूली रूप से घायल हुए थे, उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है। भारतीय सेना ने बताया कि सिक्किम के नाकुला में 20 जनवरी को भारतीय सेना और चीनी PLA के बीच में झड़प हुई थी। इस विवाद को लोकल कमांडर्स ने स्थापित प्रोटोकॉल के जरिए सुलझा लिया।

पिछले साल जून में हुई थी हिंसक झड़प
चीन के साथ पिछले साल से ही विवाद जारी है। पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई के महीने से ही लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। इसी विवाद के बीच पिछले साल जून के महीने में भारत और चीन की सेनाएं गलवान में भिड़ गईं थी। इस झड़प में भारत ने चीन का गुरूर तोड़ दिया है। भारतीय जवानों ने चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को ढेर कर दिया था। इस घटना से चीन इतना ज्यादा टूट गया कि सेना के मनोबल पर असर न पड़े इसलिए उसने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या का सम्मान तक नहीं किया और न उनकी संख्या के बारे में जानकारी दी। इस घटना में भारत के 20 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

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गलवान में हुई हिंसक झड़प साल1975 के बाद दोनों देशों के बीच पहली ऐसी घटना थी कि जब दोनों देशों के सैनिक शहीद हुए। अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गलवान में चीन ने गलवान घाटी की घटना की योजना बनाई थी। बीजिंग ने चीन-भारत की सीमा पर पहले घातक संघर्ष के लिए ‘‘उकसाया’ था। रिपोर्ट में कहा गया, "कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि चीन की सरकार ने घटना की योजना बनाई थी, इसमें सैनिकों के शहीद होने की संभावना भी शामिल थी।" उदाहरणस्वरूप संघर्ष से कई हफ्ते पहले चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने एक बयान दिया जिसमें बीजिंग को "स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए लड़ाई" के वास्ते प्रोत्साहित किया गया। चीन के सरकारी टैबलायड ‘ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित एक संपादकीय में चेतावनी दी गई कि भारत अगर "अमेरिकी-चीन प्रतिद्वंद्विता में शामिल होता है" तो उसके वाणिज्य एवं आर्थिक संबंधों को "करारा नुकसान" पहुंचेगा।

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