A
Hindi News भारत राष्ट्रीय आज फिर होगी किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत, टिकैत बोले- नए कानून हटने तक जमे रहेंगे

आज फिर होगी किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत, टिकैत बोले- नए कानून हटने तक जमे रहेंगे

Kisan Andolan: दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि अगर सरकार तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।

नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का प्रदर्शन लगातार जारी है। आज केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की अहम वार्ता होगी। इस वार्ता से पहले रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच वर्तमान संकट के यथाशीघ्र समाधान की रणनीति पर चर्चा हुई। पिछली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रहे राजनाथ सिंह एक अहम संकटमोचक के रूप में उभरे हैं और वह इस मुद्दे पर अधिकतर पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं। 

पढ़ें- बेंगलुरू जा रही राजधानी एक्सप्रेस के इंजन में मामूली आग लगी
पढ़ें- .यहां पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरें

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि अगर सरकार तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। पश्चिमी यूपी के किसान नेताओं में से एक राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ कई मसलों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए कि किसान इस आंदोलन से अपने दिल से जुड़ा है और वो कानूनों को वापस लिए जाने तक अड़ा रहेगा। सरकार को स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।

पढ़ें- कश्मीर में जबरदस्त बर्फबारी, सड़क-वायु मार्ग से संपर्क टूटा, देखिए तस्वीरें
पढ़ें- पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 11 कोयला मजदूरों की गोली मारकर हत्या

इससे पहले एक जनवरी को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि सरकार चार जनवरी को किसान संगठनों के साथ अगले दौर की बैठक में ‘सकारात्मक नतीजे’ आने को लेकर आशान्वित है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया कि क्या सातवां दौर वार्ता का आखिरी दौर होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि चार जनवरी की बैठक आखिरी दौर होगा, तो उन्होंने कहा, "मैं ऐसा पक्के तौर पर नहीं कह सकता। मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं। मैं आशान्वित हूं कि (बैठक में) जो भी निर्णय होगा, वह देश और किसानों के हित में होगा।"

पढ़ें- राजस्थान में मृत पाए गए 200 से ज्यादा कौवे, मचा हड़कंप, बुलाई गई इमरजेंसी मीटिंग
पढ़ें- अचानक बंगाल पहुंचे ओवैसी, बढ़ाई 'दीदी' की चिंताएं, इस शख्स से की मुलाकात

Latest India News