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Hindi News भारत राष्ट्रीय आयकर विभाग की अपील पर SC का पी चिदंबरम के परिजनों को नोटिस, काला धन कानून से जुड़ा है मामला

आयकर विभाग की अपील पर SC का पी चिदंबरम के परिजनों को नोटिस, काला धन कानून से जुड़ा है मामला

उच्चतम न्यायालय ने आयकर विभाग की एक अपील पर मंगलवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति को नोटिस जारी किए।

P Chidambaram- India TV Hindi Image Source : PTI Congress leader P Chidambaram

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आयकर विभाग की एक अपील पर मंगलवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति को नोटिस जारी किए। आयकर विभाग ने इस अपील में नलिनी चिदंबरम और कार्ति के खिलाफ काला धन कानून के तहत आपराधिक अभियोजन की कार्यवाही निरस्त करने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद नलिनी और कार्ति को नोटिस जारी किए। कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु की शिवगंगा संसदीय सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। पीठ ने कार्ति की पत्नी श्रीनिधि और अन्य से भी इस मामले में जवाब मांगा है। हालांकि, पीठ ने उच्च न्यायालय के नवंबर 2018 के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।

मद्रास उच्च न्यायालय ने गत वर्ष दो नवंबर को आयकर विभाग की आपराधिक अभियोजन की कार्यवाही निरस्त करते हुए कहा था कि इन तीनों के खिलाफ काला धन कानून के तहत कोई मामला नहीं बनता है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के परिवार के सदस्यों ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की कार्यवाही की वैधानिकता को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

आयकर विभाग की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय के दो नवंबर के आदेश पर रोक लाने का अनुरोध करते हुए कहा कि अन्य आरोपी भी काला धन से संबंधित मामलों में आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए इस आदेश को आधार बना सकते हैं। पीठ ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बगैर ही इस समय उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का मतलब आयकर विभाग की अपील को स्वीकार करना होगा।

इस पर मेहता ने कहा कि यदि इस आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो दूसरे उच्च न्यायालय काला धन कानून के तहत इसी तरह के अन्य मामलों को भी निरस्त कर सकते हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि इसे एक नजीर नहीं माना जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि इसे नजीर नहीं माना जाएगा। क्योंकि, उच्च न्यायालय इस तथ्य से अवगत होंगे कि यह मामला उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है और वह मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश की जांच कर रहा है।

यह मामला चिदंबरम की पत्नी नलिनी, पुत्र कार्ति और पुत्रवधु श्रीनिधि द्वारा विदेशों में संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी नहीं देने से संबंधित है। आयकर विभाग के अनुसार, इन तीनों ने ही ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में संयुक्त स्वामित्व वाली 5.37 करोड़ रूपए की संपत्ति की जानकारी अपनी आयकर विवरणी में नहीं दी थी जो काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) कानून के तहत अपराध है।

आयकर विभाग का यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने ब्रिटेन में मेट्रो बैंक के साथ अपने विदेशी बैंक खाते और अमेरिका में नैनो होल्डिंग्स एलएलसी में किए गए निवेशों की जानकारी का खुलासा नहीं किया था। इसी तरह, आयकर विभाग द्वारा पिछले साल मई में विशेष अदालत में दायर शिकायत में कार्ति पर उनके सह स्वामित्व वाली कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइजरी में किए गए निवेश की जानकारी नहीं देने का भी आरोप है। विभाग का कहना है कि यह काला धन कानून के तहत अपराध है।

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