Jharkhand News: धनबाद में 'जीवन' नामक स्कूल और आवासीय संस्था में एक स्पेशल बच्चे पर बेइंतहा जुल्म हुआ है। उसके शरीर पर जख्म और पिटाई के दर्जनों निशान हैं। उसे गर्म आयरन से भी दागा गया है। पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी बादल पाठक नामक इस बच्चे को करीब डेढ़ महीने पहले उसके परिवार के लोगों ने यहां बेहतर देखरेख के लिए दाखिल कराया था। बच्चे के घर वाले जब उससे मिलने पहुंचे तो उसकी हालत देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। बादल ने रो-रोकर अपने ऊपर हुए जुल्म की कहानी बताई। बादल की उम्र 20 साल है, लेकिन बौद्धिक तौर पर उसकी उम्र महज 6-7 साल है।
बादल ने तुतलाते हुए बताई अपने ऊपर हुए जुल्म की पूरी दास्तां
मामले की जानकारी मिलने के बाद धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने समाज कल्याण पदाधिकारी और CWC को जांच का आदेश दिया है। बादल के घरवालों ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से भी इसकी शिकायत की है। उसके पिता प्रवीण पाठक का कहना है कि संस्था में जब उन्होंने मानसिक तौर पर दिव्यांग अपने बच्चे को दाखिल कराया था, तो उनसे कहा गया था कि यहां उसकी बेहतर देखभाल होगी। एडमिशन शुल्क के तौर पर 3500 और आवासीय सुविधा, भोजन, प्रशिक्षण के लिए हर महीने के लिए 5000 रुपये लिए गए। तब बताया गया था कि वे हर दिन अपने बच्चे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात कर सकते हैं, लेकिन जब भी उन्होंने कॉल किया, कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया गया। जब डेढ़ महीने के बाद वे यहां पहुंचे तो बच्चे की हालत देखकर वे सिहर उठे हैं।
बादल ने तुतलाते हुए अपने ऊपर हुए जुल्म की पूरी दास्तां बताई है। उसे कमरे में बंद कर डंडे से पीटा गया है। गर्म आयरन से भी दागा गया है। उसके पांव और ललाट पर जलने का जख्म है। उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल से पूछताछ की तो उनका कहना था कि बच्चे हिंसक हो जाते हैं, तब उन्हें नियंत्रित करने के लिए पिटाई करनी पड़ती है।
3 दिन पहले ही एक स्पेशल चाइल्ड की हुई मौत
इसी संस्था में तीन दिन पहले गौरी नामक 17 वर्षीय एक स्पेशल चाइल्ड की मौत भी हुई है। उसके मुंह और नाक से खून बहता पाया गया था। संस्था के संचालक ए.के. सिंह का कहना है कि बच्ची की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। उसे धनबाद स्थित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हुई। बाल कल्याण समिति ने इस घटना पर संस्था से रिपोर्ट मांगी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की भी मांग की गयी है।
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