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Rajat Sharma's Blog | मोदी-पुतिन मुलाकात: भारत-रूस दोस्ती अब और मजबूत होगी

प्रधानमंत्री बनने के बाद आज नरेंद्र मोदी की पुतिन के साथ 17वीं मुलाकात हुई। जब नरेंद्र मोदी पुतिन का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे तो रूसी अधिकारी आश्चर्यचकित थे क्योंकि उन्हें पहले से नहीं बताया गया था कि मोदी पुतिन का स्वागत करने एयरपोर्ट आएंगे।

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog Latest, Rajat Sharma- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

भारत और रूस ने आज विज़न 2030 आर्थिक और व्यापार सहयोग समझौते पर दस्तखत किया। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार , पूंजी निवेश, आवागमन और उद्योग सहित तमाम क्षेत्रों में आपसी सहयोग को तेज करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने उम्मीद जतायी कि दोनों देशों के बीच सालाना कारोबार 65 अरब डॉलर से बढ़ कर 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और रूस भारत को तेल की सप्लाई जारी रखने के लिए तैयार है।

अपने बयान में मोदी ने कहा कि "पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है। परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं।" यूक्रेन युद्ध के बारे में मोदी ने कहा, "यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।"

आतंकवाद पर मोदी ने कहा, "आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।" नरेंद्र मोदी और व्लादीमीर पुतिन के बीच जो मुलाकात हुई, उस पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। जब पुतिन दिल्ली पहुंचे तो उनका स्वागत गर्मजोशी के साथ हुआ। ऐसा स्वागत किसी दोस्त के लिए होता है। प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल की सीमा लांघकर पुतिन का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे और अपनी कार में बिठाकर प्रधानमंत्री आवास तक ले गए।

अमेरिका के यूक्रेन शांति प्रस्ताव को ठुकराने के बाद पुतिन और मोदी की ये मुलाकात बहुत महत्वपूर्ण थी। मोदी के लिए भी पुतिन के आगमन का समय बहुत खास था। अमेरिका ने भारत पर टैरिफ असामान्य तरीके से बढ़ाया है। टैरिफ बढ़ाने के लिए भारत के रूस से तेल खरीदने को बहाना बनाया है। कुछ हफ्ते पहले चीन में मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन की तस्वीरें देखकर अमेरिका के तेवर ढीले हुए थे। रक्षा के मामले में रूस भारत का सबसे विश्वसनीय दोस्त है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब रूस से नए हथियार खरीदेगा। रूस भारत को मिसाइल सप्लाई करेगा। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए रूस मदद करेगा। भारत और रूस के बीच जो रक्षा सौदे होंगे, उनको लेकर सबसे ज्यादा बेचैनी पाकिस्तान और चीन को है। कहने को तो ये रूस और भारत की सालाना समिट थी लेकिन पूरी दुनिया में इस मीटिंग की चर्चा है।

रूस  और भारत अच्छे दोस्त हैं, अच्छे trade partner हैं। रक्षा के मामलों में एक दूसरे के भरोसेमंद दोस्त हैं लेकिन दोनों मुल्कों के रिश्ते मजबूत हुए, मोदी और पुतिन की व्यक्तिगत दोस्ती की वजह से। प्रधानमंत्री बनने के बाद आज नरेंद्र मोदी की पुतिन के साथ 17वीं मुलाकात हुई। जब नरेंद्र मोदी पुतिन का स्वागत  करने एयरपोर्ट पहुंचे तो रूसी अधिकारी आश्चर्यचकित थे क्योंकि उन्हें पहले से नहीं बताया गया था कि मोदी पुतिन का स्वागत करने एयरपोर्ट आएंगे। मोदी और पुतिन की अक्सर फोन पर बात होती है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल भी मॉस्को जाकर कई बार पुतिन से मिल चुके हैं। इसीलिए भारत और रूस दोनों मिलकर एक महाशक्ति बन सकते हैं और एक नया World Order तैयार कर सकते हैं। (रजत शर्मा)

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