भारत ने साफ कह दिया है कि तनाव खत्म करने की पहली जिम्मेदारी पाकिस्तान की है, जिसने सबसे पहले भारत पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए। पाकिस्तान में राजनीतिक नेता मायने नहीं रखते क्योंकि सारे बड़े फैसले आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर करते हैं।
जिस तरह से पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों ने निशाना बनाया, वो इस बात का साफ संकेत है कि पाकिस्तान के फौजी जनरल भारत के साथ युद्ध चाहते हैं। हमारी सशस्त्र सेनाएं इन सारे हमलों का मजबूती से जवाब दे रही है।
भारत ने आधी रात को पच्चीस मिनट में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे बाले कश्मीर के नौ टारगेट्स पर मिसाइल्स और ड्रोन से अटैक किए। इस हमले को नाम दिया गया था, ऑपरेशन सिंदूर। ये नाम बहुत कुछ कहता है। पहलगाम के गुनहगारों के खिलाफ सेना के अभियान को ये नाम सिर्फ नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं।
आतंकवादियों ने पहलगाम में हमारी बहन-बेटियों का सिंदूर उजाड़ा, अब भारत ने जवाब दिया और दहशतगर्दों और उनके आकाओं को उनके अड्डों में घुस कर मारा। इसीलिए ऑपरेशन का नाम दिया गया ऑपरेशन सिंदूर।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि वक्फ कानून का मजहब से कोई लेना देना नहीं है। उन्होxने कहा कि कुरान में वक्फ जैसा कोई लफ्ज है ही नहीं।
हैप्पी पासिया पाकिस्तान की ISI के इशारे पर पंजाब में आतंकवादी हमले करा रहा था। पाकिस्तान में छुपा खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ़ रिंदा हैप्पी पासिया का हैंडलर है।
सवाल ये है कि क्या मजहबी कट्टरता कानून से ऊपर हो गई है? क्या कट्टरपंथियों को कानून का कोई खौफ नहीं हैं? दरिंदों की इस भीड़ में महिला का पति भी शामिल था। उसी ने मस्जिद के मौलवी से इस महिला के बारे में शिकायत की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नये वक्फ कानून से गरीब मुसलमानों को फायदा होगा, वक्फ की लाखों हेक्टेयर जमीन और बेशकीमती प्रॉपर्टी से मुस्लिम महिलाओं, बेवाओं, नौजवानों और पसमंदा मुसलमानों का भला होगा।
बड़ी बात ये है कि तहव्वुर राणा के केस की मदद से पाकिस्तान की कलई खुलेगी। वहां की फौज और ISI बड़ी बेशर्मी से इस बात का खंडन करते हैं कि 26/11 के हमले में उनका हाथ नहीं था।
2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो चीन की इन अनफेयर प्रैक्टिस पर सवाल उठाए गए। ‘मेक इन इंडिया’ का अभियान शुरू किया गया। मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन को चुनौती दी गई, लेकिन दुनिया के ज्यादातर मुल्क उस समय भी खामोश रहे।
दुनिया भर में इस समय अमेरिका के कारण टैरिफ युद्ध छिड़ा हुआ है। दुनिया भर में मंदी की आशंका जताई जा रही है। निवेशकों ने स्टॉक मार्केट से हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं।
मुझे लगता है पीयूष गोयल ने जो कहा, वो सच कहा। उन्होंने स्टार्टअप चलाने वालों को सिर्फ आईना दिखाया, नौजवानों को प्रोत्साहित करने के लिए कड़वी बात कही। उनकी बात को इसी भावना से लेना चाहिए।
अब लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हो जाएगा लेकिन जब इस पर जो लम्बी बहस होगी, तो सब की पोल खुल जाएगी। जनता को पता चल जाएगा कि वक्फ बिल पर कौन सा दल मुस्लिम वोटों के लिए स्टैंड ले रहा है और कौन सुधारों के लिए अड़ा हुआ है।
नरेंद्र मोदी का न तो कोई विकल्प है, न कोई उत्तराधिकारी और न कोई नंबर 2। मैं तो कहता हूं कि नंबर 1 से लेकर नंबर 10 तक फिलहाल कोई नहीं है। मोदी के पद छोड़ने, उत्तराधिकारी चुनने की बातें पूरी तरह हवा-हवाई हैं।
नव सम्वत्सर की तिथि सृष्टि निर्माण की तिथि है। इसका निर्धारण संपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ हुआ है। इसे मनाने की परंपरा व्यक्ति, परिवार और समाज, तीनों के स्वस्थ जीवन और समृद्धि को ध्यान में रखकर शुरू की गई।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार ने कहा था कि समय के साथ सब कुछ बदलता है, एक वक़्त आएगा, जब संविधान भी बदलेगा। उनसे सवाल किया गया था कि कर्नाटक सरकार ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार परसेंट आरक्षण देने का जो फैसला किया है, क्या वो संविधान के ख़िलाफ़ नहीं है?
जंतर मंतर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन में सब ने एक सुर में कहा कि जो पार्टियां वक्फ बिल का समर्थन कर रही हैं, वे मुस्लिम विरोधी हैं, बीजेपी के साथ हैं, इसलिए मुसलमानों को ऐसी पार्टियों का बॉयकॉट करना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से सलमान खुर्शीद, गौरव गोगोई और इमरान मसूद इस धरने में पहुंचे।
पूरे उत्तर प्रदेश में आज रमज़ान के जुमे की नमाज होनी थी, साथ में होली भी। दस जिलों में मस्जिदें तिरपाल से ढकी हुई थी, ताकि कोई उपद्रवी रंग न फेंक सके। योगी ने खास तरह से होली मनाने वालों से अपील की कि वो दूसरों पर रंग डालते समय संयम बरतें। योगी की अपील काम आई।
महू में क्रिकेट फैन्स ने तिरंगा लेकर विजय जुलूस निकाला था, आतिशबाजी की थी, ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ के नारे लगा कर सड़कों पर निकले थे। लेकिन जामा मस्जिद रोड पर अचानक माहौल बदला। मस्जिद में तरावीह नमाज़ का वक्त था। कुछ लोग मस्जिद से निकले और जुलूस को वापस लौटने को कहा।
योगी ने महाकुंभ को लेकर वो तमाम बातें बताई जिसके बारे में लोगों को कुछ नहीं पता है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुई भगदड़ में तीस श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसको लेकर योगी की सरकार पर सवाल उठे। विरोधियों ने हमले किए। योगी ने जो बताया, वो कई लोगों की आंखें खोल देगा।
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