मेरी आप लोगों से हाथ जोड़कर अपील है कि बेटियों को जुल्म और जालिमों से बचाने के लिए इस अभियान में हमारा साथ दें।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं उन सभी लोगों से कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अपील करता हूं, जो इसके पात्र हैं। आइए, हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएं।’
सोशल और डिजिटल मीडिया के लिए आज तक कोई नियम नहीं थे, लेकिन अब उन्हें नियमों का पालन करना होगा और आदेशों के हिसाब से चलना होगा।
भारत में 40,000 से ज्यादा मदरसे हैं, और लाखों मुस्लिम छात्र हर साल अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इन मदरसों से बाहर निकलते हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 3 दिन पहले कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 2 ‘कमांडर्स’ को गिरफ्तार किया था।
अब तक होता ये था कि चीन भारत के सब्र का इम्तेहान लेता था। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने चीन के सब्र को तोड़ा है और उसके गुरूर को मिट्टी में मिलाया है।
पुलिस अब एक-एक तार जोड़ रही है और हर चेहरे को बेनकाब कर रही है। उसने साजिश के सबूत जुटाए हैं और सारे सबूतों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री के बारे में जिस हल्के अंदाज में बात की, जिन अल्फाजों का इस्तेमाल किया, वह बहुत ही शर्मनाक हरकत है।
यह समझना मुश्किल है कि राहुल गांधी क्या साबित करना चाहते हैं? क्या वह कहना चाहते हैं कि हमारे जवान चीन को रोक नहीं पाए? क्या वह हमारे बहादुर जवानों की जांबाजी पर सवाल उठा रहे हैं?
मोदी ने एक बार फिर कहा कि कानून लागू हुए 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन न मंडियां खत्म हुईं, न MSP बंद हुई और न ही कॉरपोरेट ने किसी किसान की जमीन पर जबरन कब्जा किया।
जो लोग मोदी को करीब से नहीं जानते उन्हें मंगलवार को मोदी की आंखों में आंसू देखकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन मैं अच्छे से जानता हूं कि मोदी ऊपर से जितने सख्त दिखते हैं, दिल के उतने ही नरम हैं।
पीएम मोदी ने कहा उनकी सरकार जो कर रही है वह छोटे किसानों के हित में हैं। इससे छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा।
मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि साजिश करने वाले चाहे देश के अंदर हों या विदेश में, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
केसरिया बाने को अपनी पहचान बताने वाली शिवसेना अब अपने गढ़ पुणे में दिए गए शरजील उस्मानी के जहरीले बयानों पर चुप रहने को मजबूर है।
कुल मिलाकर बजट को देखते हुए मुझे लगता है कि 3 ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सरकार अपना ध्यान केंद्रित कर रही है: स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचा।
वे दिन गए जब किसान नेता किसी सियासी लीडर द्वारा धरनास्थल के मंच पर आने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध कर रहे थे।
अमिताभ बच्चन को ब्लॉग लिखना बहुत पसंद है। आए दिन वो अपने मन की बात पूरी दुनिया में फैले अपने प्रशंसकों के साथ ब्लॉग के जरिए साझा करते हैं। हाल ही उन्होंने 'मास्क' को लेकर एक ब्लॉग लिखा है।
एक बात तो बिल्कुल साफ है कि किसान आंदोलन के नेताओं ने देश की जनता का विश्वास खो दिया है। देश के अधिकांश लोग आहत हैं।
पिछले दो महीनों से मैं ये लगातार कह रहा हूं कि किसानों के आंदोलन में असामाजिक तत्वों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने घुसपैठ की है।
इतिहास गवाह है कि आंदोलन कितना भी बड़ा हो, कितना भी उग्र हो, रास्ता बातचीत से ही निकलता है।
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