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Rajat Sharma’s Blog- यूक्रेन : ऐसा नहीं लगता कि पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे

यूक्रेनी सेना भले ही दावा करे कि उसने रूसी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन हकीकत यही है कि उसके पास हथियारों, लड़ाकू विमानों और मिसाइलों की कमी है। 

Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Putin, Rajat Sharma Blog on Nuclear War- India TV Hindi Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

यूक्रेन की जंग ने अब खतरनाक रुख अख्तियार कर लिया है। रूस की सेना ने काला सागर के बंदरगाह खेरसॉन पर कब्जा कर लिया है, जो कि सामरिक दृष्टि से दक्षिणी यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। इसके अलावा रूसी सेना राजधानी कीव और खारकीव पर लगातार बमबारी कर रही है। रूस के लड़ाकू विमानों, बमवर्षकों और मिसाइलों ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव की सूरत ही बदलकर रख दी है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के अनुसार, अब तक दस लाख से भी ज्यादा शरणार्थी यूक्रेन से भाग चुके हैं। रूस की मिसाइलों और गोला-बारूद ने खारकीव की खूबसूरत इमारतों को खंडहरों में तब्दील कर दिया है। रूसी लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों ने कीव में एक टीवी टॉवर को जमींदोज कर दिया, और ऐतिहासिक बेबीन यार यहूदी होलोकॉस्ट मेमोरियल पर भी बमबारी की। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर द्वारा मारे गए लाखों यहूदियों की याद में बनाया गया था।

रूसी सेना ने भारी लड़ाई के बाद खारकीव के पास स्थित एक शहर बालकलिया पर कब्जा कर लिया है। खारकीव में अब चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां के तमाम लोग या तो शहर छोड़कर जा चुके हैं या फिर अपनी जान बचाने के लिए सबवे या बेसमेंट में छिपे हुए हैं। यूक्रेन के गृह मंत्री के एक सलाहकार ने कहा, ‘खारकीव में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां गोलाबारी न हुई हो।’

खारकीव में बाजारों, ऊंची इमारतों और रिहायशी इलाकों पर भारी बमबारी की गई है। रूसी आर्टिलरी, टैंकों की एक लंबी लाइन के साथ राजधानी कीव पर हमला करने के लिए शहर से बाहर डेरा डाले हुए हैं। कीव में अभी भी दर्जनों परिवार अंडरग्राउंड मेट्रो में छिपे हुए हैं।

यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि अब तक 14 बच्चों सहित 350 से ज्यादा नागरिक रूसी बमबारी में मारे जा चुके हैं। लेकिन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, यूक्रेन में यदि हजारों नहीं तो कम से कम सैकड़ों की संख्या में लोगों ने या तो अपनी जान गंवाई है या घायल हुए हैं। यूक्रेन के मारियुपोल शहर के मेयर ने कहा, बुधवार का दिन इस जंग के 7 दिनों में सबसे मुश्किल और क्रूर था।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के एक सलाहकार के मुताबिक, हमले की शुरुआत के बाद से अब तक 9,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन की सेना ने अधिकारियों समेत सैकड़ों रूसी सैनिकों को बंदी बना लिया है। यूक्रेनी सेना का दावा है कि उसने रूस के 217 टैंकों, 900 बख्तरबंद गाड़ियों, 90 आर्टिलरी हथियारों, 30 विमानों और 31 हेलीकॉप्टरों को तबाह कर दिया है।

193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को फटकार लगाते हुए एक प्रस्ताव के पक्ष में भारी मतदान किया। UNGA ने मांग की कि रूस लड़ाई को बंद करे और यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए। 141 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, 5 देश इसके खिलाफ रहे जबकि भारत, चीन और पाकिस्तान सहित 35 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत ने दोहराया कि ‘मतभेदों को केवल वार्ता और कूटनीति के जरिए ही सुलझाया जा सकता है।’ रूस के साथ उत्तर कोरिया, इरिट्रिया, बेलारूस और सीरिया ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और उनसे यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, लगभग 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं, 3500 से ज्यादा लोग हवाई मार्ग से भारत लौट चुके हैं। मंत्रालय ने कहा कि अगले 24 घंटों में 15 और उड़ानें भारतीय नागरिकों को वापस लाएंगी। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, राजधानी कीव में अब एक भी भारतीय नागरिक नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुतिन से बात करने से कुछ घंटे पहले रूस ने बुधवार को भारतीय नागरिकों को खारकीव से निकलने के लिए 6 घंटे से भी ज्यादा का सेफ पैसेज दिया। भारतीय दूतावास ने एक अडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों को खारकीव शहर से दूर 3 चिन्हित स्थानों पर जाने के लिए कहा था। बुधवार की रात मेरे प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में, हमने वीडियो में दिखाया कि कैसे भारतीय छात्र खारकीव से निकलने के लिए ट्रेनों में सवार होने की कोशिश में लगे हुए थे, लेकिन स्थानीय अधिकारी उन्हें ट्रेनों में चढ़ने से रोक रहे थे।

एक तरफ तो यूक्रेन के राष्ट्रपति आरोप लगा रहे हैं कि रूस उनके नागरिकों का नरसंहार करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उनके अधिकारी भारतीय नागरिकों को ट्रेनों में चढ़ने से रोकने के लिए नस्लवादी हथकंडे अपना रहे हैं। वीडियो में कई भारतीय छात्रों ने आरोप लगाया कि यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश की, जो कि खाली थीं, तो उन्हें गोली मार दी जाएगी। एक भारतीय छात्र ने कहा, यूक्रेन के सैनिक एशिया और अफ्रीका के लोगों को ट्रेनों में चढ़ने से रोक रहे हैं। कई भारतीय छात्र अपनी जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन से पैदल ही निकल पड़े।

यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में हमलावर सेना का पलड़ा भारी है। यूक्रेनी सेना भले ही दावा करे कि उसने रूसी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन हकीकत यही है कि उसके पास हथियारों, लड़ाकू विमानों और मिसाइलों की कमी है। रूसी वायु सेना का यूक्रेनी एयरस्पेस पर पूरा कंट्रोल है, और उसने यूक्रेन की एयरफोर्स को लगभग तबाह कर दिया है।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो वह परमाणु हथियारों से लड़ा जाएगा, जो विनाशकारी हो सकता है। लावरोव ने कहा, अगर यूक्रेन परमाणु हथियार हासिल करता है तो रूस को ‘एक वास्तविक खतरे’ का सामना करना पड़ेगा।

हालांकि, गुरुवार को उन्होंने कहा, ‘परमाणु युद्ध रूसियों के दिमाग में नहीं है, यह बात पश्चिमी देशों के नेताओं द्वारा उड़ाई जा रही है। हमारा मिशन यूक्रेन में नाजियों से छुटकारा पाना है। नाटो और यूक्रेन परमाणु युद्ध की संभावना की बात कर रहे हैं, रूस नहीं। मुझे यकीन है, रूस के खिलाफ जंग छेड़ने की योजना तैयार की जा रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोप को अपने अधीन कर लिया है, जैसे नेपोलियन या हिटलर ने अपने समय के दौरान किया था।’ 3 दिन पहले ही पुतिन ने अपने सामरिक बलों को न्यूक्लियर डेटरेंट तैयार रखने का आदेश दिया था।

रूस द्वारा परमाणु युद्ध की धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। ऐसी बातें पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा रही हैं। रूस के पास इस समय सबसे ज्यादा परमाणु हथियार (6,255) हैं, जबकि अमेरिका के पास 5,550 परमाणु हथियार हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस पश्चिम पर दबाव बनाने के लिए परमाणु युद्ध की बात कर रहा है। पुतिन यूरोपीय संघ के देशों द्वारा यूक्रेन को युद्ध लड़ने के लिए बड़ी मात्रा में हथियार भेजने से नाराज हैं। रूस इसे उकसावे वाली कार्रवाई के तौर पर देख रहा है।

यूक्रेन से गोला-बारूद की जंग में रूस भले ही भारी दिख रहा हो, अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बाद इसकी अर्थव्यवस्था बहुत ही ज्यादा चरमरा गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से रूसी मुद्रा रूबल अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार को एक डॉलर के मुकाबले रूबल की कीमत गिरकर 117 तक पहुंच गई।

रूस की कई बड़ी कंपनियां बर्बादी की तरफ बढ़ रही हैं। रूसी स्टॉक एक्सचेंज पिछले 3 दिनों से बंद है, क्योंकि शेयर बेलगाम होकर गिरे हैं जिससे कई कंपनियों के लिए कंगाल होने जैसी स्थिति पैदा हो गई है। अगर यूक्रेन में जंग जारी रही तो रूस के 5 सबसे अमीर अरबपति कारोबारी बुरी तरह प्रभावित होंगे। इसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा। चूंकि रूस कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है, इसलिए दुनिया इन ईंधनों की भारी कमी से जूझ रही है। ईंधन की कीमतों में वृद्धि से सभी उपभोक्ता उत्पादों की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि होगी।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भले ही अपनी न्यूक्लियर फोर्स को ऐक्टिवेट कर दिया हो, लेकिन मुझे लगता नहीं कि वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। पुतिन भी ये बात जानते हैं कि न्यूक्लियर अटैक का क्या असर हो सकता है। यह भी सच है कि पुतिन ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि यूक्रेन रूसी सेना के हमले का इतनी जबर्दस्त तरीके से मुकाबला करेगा। रूस को लग रहा था कि उसकी सेना एक-दो दिन में यूक्रेन की राजधानी कीव में पहुंच जाएगी, लेकिन उसने कभी भी इस तरह के कड़े मुकाबले की उम्मीद नहीं की थी।

जंग का आज सातवां दिन है और रूसी सेना अब तक कीव पर कब्जा नहीं कर पाई है। हालांकि दोनों सेनाओं की ताकत के अंतर की तुलना करें तो रूस का पलड़ा यूक्रेन पर भारी नजर आता है और वह जल्द ही कीव पर कब्जा कर सकता है। कीव पर कब्जा करने के बाद, रूसी सेना निश्चित रूप से यूक्रेन के बाकी हिस्सों पर कब्जा करने के लिए निकल पड़ेगी। इसलिए, फिलहाल परमाणु युद्ध होने की संभावना बहुत कम है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 02 मार्च, 2022 का पूरा एपिसोड

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